बीजेपी ने जनता का आभार प्रकट करने के लिए 'आभार यात्रा' निकालने का फैसला किया है.
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विवेक पटैया, भोपाल: 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद मध्य प्रदेश चुनावों में सत्ता विरोधी लहर का सामना करने के बावजूद सीटों के लिहाज से कांग्रेस से मामूली अंतर में पिछड़ने के बाद बीजेपी ने 'आभार यात्रा' निकालने का फैसला किया है. वोट प्रतिशत और मतों के लिहाज से यदि देखा जाए तो मत प्रतिशत और वोटों के लिहाज से कांग्रेस और बीजेपी को जनता ने लगभग बराबर आशीर्वाद दिया है.
इस कारण सूबे की सत्ता खोने के बावजूद बीजेपी ने जनता का आभार प्रकट करने के लिए 'आभार यात्रा' निकालने का फैसला किया है. बीजेपी के कद्दावर नेता शिवराज सिंह चौहान 'आभार यात्रा' निकालेंगे. मध्य प्रदेश के 52 जिलों में इस यात्रा को निकालने की योजना है. बीजेपी शिवराज की यात्रा की तैयारियों में जुट गई है. सड़क मार्ग से हर जिले में पहुंचकर शिवराज जनता का आभार जताएंगे.
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सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के इस कदम को आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से पार्टी की तैयारियों के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि इस यात्रा के लिए फिलहाल तारीख का ऐलान नहीं किया गया है.
शिवराज बन सकते हैं नेता-प्रतिपक्ष
इस बीच सूत्रों के मुताबिक शिवराज सिंह नेता-प्रतिपक्ष बन सकते हैं. हालांकि इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि नेता-प्रतिपक्ष का फैसला तो पार्टी करेगी लेकिन वह नेता तो कम से कम रहेंगे ही. बुधवार को अपने इस्तीफे के बाद प्रेस से बात करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे 13 साल राज्य की सेवा करने का मौका मिला. मैंने मुख्यमंत्री बनकर नहीं परिवार का सदस्य बनकर सरकार चलाने की कोशिश की. जितनी क्षमता मुझमें थी मैंने अपनी टीम के साथ जनता के कल्याण की कोशिश की. जिस वक्त हमने सत्ता संभाली थी प्रदेश बदहाली की स्थिति में था. सड़क, बिजली पानी जैसे मुददे अहम थे. मुझे गर्व है ये कहते हुए कि बिजली, पानी, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, सिंचाई सभी क्षेत्रों में हमने भरसक कोशिश की कि प्रदेश को विकास की गति में लाया जाए.
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इसके साथ ही शिवराज सिंह ने कहा था, 'किसी का दिल दुखे, ऐसा काम मैं कभी नहीं करता हूं. अगर मेरे कार्यकाल के दौरान साढ़े 7 करोड़ मध्य प्रदेश वासियों का यदि दिल दुखा हो तो मैं क्षमाप्रार्थी हूं. हम हमारे केंद्रीय नेतृत्व के आभारी हैं. ये बात सत्य है कि 2009 में हमने 38 प्रतिशत वोट हासिल किए थे लेकिन सीटें मिली थी 140 से ज्यादा. हालांकि इस बार वोट प्रतिशत ज्यादा है लेकिन सीटे कम हैं.'