आरक्षकों के सीने पर जाति लिखने के मामले में दोषी दो पुलिस अधिकारी निलंबित
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आरक्षकों के सीने पर जाति लिखने के मामले में दोषी दो पुलिस अधिकारी निलंबित

आरक्षक पद की भर्ती के लिए आए अभ्यर्थियों के सीने पर एससी-एसटी लिखने के मामले में दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.

सोमवार को मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे.

नई दिल्ली/भोपाल: मध्य प्रदेश के धार जिले में आरक्षक पद की भर्ती के लिए आए अभ्यर्थियों के सीने पर एससी-एसटी लिखने के मामले में दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. सोमवार को मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे. बताया जा रहा है कि जांच के बाद दोषी पाए गए दो पुलिस अधिकारियो को निलंबित करने के साथ ही दोषी चिकित्सकों पर कार्यवाही के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया गया है.

  1. मामले की जांच के बाद दो पुलिस अधिकारी निलंबित

    दोषी चिकित्सकों पर कार्यवाही के लिए कलेक्टर को निर्देश

    राहुल गांधी ने भी साधा था बीजेपी पर निशाना

 

 

भूपेंद्र सिंह ने इस मामले पर हुई कार्यवाही की जानकारी ट्वीटर पर देते हुए कहा कि धार में आरक्षकों की भर्ती मामले में जांच के बाद दोषी पाए गए जिला पुलिस बल के निरीक्षक नानूराम वर्मा व SAF दल के उप निरीक्षक नानूराम मोवेल को तत्काल निलंबित कर दिया गया है. साथ ही दोषी चिकित्सकों पर कार्यवाही के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया गया है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के धार जिले में आरक्षक पद की भर्ती के लिए आए अभ्यर्थियों के मेडिकल टेस्ट के दौरान उनके सीने पर एससी-एसटी लिख दिया गया था. इसके बाद पूरे देश में बवाल मच गया. मामले के तूल पकड़ने के बाद मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसकी जांच के आदेश दिए थे.

आपको बता दें कि अभ्यार्थियों के सीने पर एससी-एसटी लिखने के मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बीजेपी पर निशाना साधा था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि बीजेपी सरकार के जातिवादी रवैये ने देश की छाती पर छुरा मारा है. राहुल ने कहा था कि युवाओं के सीने पर एससी-एसटी लिखकर बीजेपी ने देश के संविधान पर हमला किया है. राहुल ने ट्वीट कर कहा कि ये बीजेपी/आरएसएस की सोच है. यही सोच कभी दलितों के गले में हांडी टंगवाती थी, शरीर में झाडू बंधवाती थी, मंदिर में घुसने नहीं देती थी. हम इस सोच को हराएंगे.

वहीं इस मामले पर अस्पताल प्रबंधन ने कहा था कि कुछ समय पहले महिला आरक्षक भर्ती के दौरान ऊंचाई नापने में हुई गड़बड़ी को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया था. आरक्षित वर्ग की ऊंचाई नापने में कोई गड़बड़ न हो, इसलिए अलग-अलग वर्ग के अभ्यर्थियों के सीने पर उनकी जाति लिख दी गई थी. आपको बता दें कि भर्ती में सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 168 सेमी और एससी-एसटी के लिए 165 सेमी की ऊंचाई निर्धारित की गई है.

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