मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन के तहत 'गांव बंद' के पहले दिन छोटे शहरों में इसका व्यापक असर रहा.
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भोपाल: मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन के तहत 'गांव बंद' के पहले दिन शुक्रवार को छोटे शहरों में इसका व्यापक असर रहा. किसी गांव से फल, सब्जियां व दूध शहर नहीं आया, जिससे लोगों को परेशानी हुई. शहरों में मौजूद सब्जियों के दाम बढ़ गए. राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने 10 जून को भारत बंद का ऐलान किया है. पिछले साल 6 जून को मंदसौर जिले में किसानों पर पुलिस जवानों द्वारा की गई फायरिंग और पिटाई में सात किसानों की मौत की पहली बरसी पर किसानों ने 10 दिवसीय आंदोलन शुरू किया है.
देश के अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी शुक्रवार को पहले दिन 'गांव बंद' का व्यापक असर नजर आया. राजधानी भोपाल से लेकर मंदसौर और प्रदेश के अन्य हिस्सों में किसानों के आंदोलन के चलते लोगों को फल, सब्जी व दूध के लिए परेशान होना पड़ा. दूध की आपूर्ति पर असर हुआ है, तो सब्जियां मंडियों तक आसानी से नहीं पहुंची हैं. यही कारण है कि सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं. आम किसान यूनियन के प्रमुख केदार सिरोही ने आईएएनएस को बताया, "किसान एकजुट हैं, वे अपना विरोध जारी रखे हुए हैं. 'गांव बंद' आंदोलन का असर साफ नजर आ रहा है. सरकार की हर संभव कोशिश है, इस आंदोलन को असफल करने की, लेकिन किसान किसी भी सूरत में सरकार के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं."
Punjab: Farmers spill milk on the road during their 10 days 'Kisan Avkash' protest, in Ludhiana's Samrala (Earlier visuals) pic.twitter.com/rh7Fp5uVnl
— ANI (@ANI) June 1, 2018
सिरोही ने आगे बताया कि बीते साल की तुलना में इस बार किसान खुद गांव से बाहर निकलकर अपना सामान बेचने जाने को तैयार नहीं है. वह सरकार की नीतियों से इतना परेशान है कि वह किसी भी तरह का आर्थिक नुकसान उठाने में नहीं हिचक रहा है. पुलिस जरूर किसानों को भड़काने व उकसाने में लगी है, ताकि हालात बिगड़ें."
Punjab: Farmers in Faridkot thold back supplies like vegetable, fruits and milk from being supplied to cities, demanding farmer loan waiver and implementation of Swaminathan commission (Earlier visuals) pic.twitter.com/P4Zl0Y8lX1
— ANI (@ANI) June 1, 2018
सरकार द्वारा इस आंदोलन को कांग्रेस का बताकर प्रचारित किए जाने को लेकर भी किसानों में नाराजगी है. राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा का कहना है कि सरकार किसानों की बात न करके आंदोलन को लेकर भ्रम फैलाने में लगी है. सवाल यह नहीं है कि यह आंदोलन किसका है, सवाल यह है कि किसानों की जायज मांगें सरकार क्यों नहीं मान रही है. शर्मा ने 10 जून को भारत बंद का ऐलान किया है. इसमें उन्होंने कर्मचारी, व्यापारी और किसानों से शामिल होने की अपील की है. यह बंद दोपहर दो बजे तक का ही होगा.
वहीं दूसरी ओर, पुलिस और प्रशासन ने किसान आंदोलन के मद्देनजर ग्रामीण इलाकों से शहरी क्षेत्रों में आने वाले दूध विक्रेताओं, सब्जी विक्रेताओं पर खास नजर रखी है. जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गई है. अर्धसैनिक बलों की कंपनियां भी सुरक्षा के लिए बुलाई गई हैं. मंदसौर सहित कई जिलों में निषेधाज्ञा भी लागू की गई है.