मध्य प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की वापसी के बाद क्षेत्रीय नेताओं को मंत्री न बनाए जाने से बगावत के सुर उठने लगे हैं.
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भोपाल: मध्य प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की वापसी के बाद क्षेत्रीय नेताओं को मंत्री न बनाए जाने से बगावत के सुर उठने लगे हैं. पार्टी की मुरैना जिले की विकासखंड इकाई के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और लोकसभा चुनाव में गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है. राज्य में कमलनाथ मंत्रिमंडल के 28 मंत्रियों ने शपथ ले ली है, मगर मंत्री बनने का सपना संजोए कई नेता मंत्री नहीं बन पाए. उनके समर्थकों ने अब पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मुरैना के सुमावली से चुनाव जीते पूर्व मंत्री ऐदल सिंह कंसाना के समर्थक मंत्रियों के शपथ लेने के बाद से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल
मुरैना जिले की बागचीनी विकासखंड इकाई के अध्यक्ष मदन शर्मा ने गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को अपना इस्तीफा लिख भेजा है. शर्मा का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
लोकसभा चुनाव में नुकसान
इस पत्र में उन्होंने लिखा, ''मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय संतुलन में भारी कमी के कारण पार्टी में मुरैना श्योपुर संसदीय क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में भारी रोष है जिसके कारण लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है. मुरैना संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा क्षेत्रों में से 7 सीटों पर कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत हासिल की. इन विधायकों में एदल सिंह कंसाना चार बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. इसके बावजूद उन्हें मंत्री मंडल में स्थान नहीं मिला. इस कारण सर्व समाज में रोष व्याप्त है. इस वजह से मैं अपने पद से त्याग पत्र देता हूं.''
कमलनाथ का आभार
शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए कमलनाथ के प्रति आभार जताया है कि मुख्यमंत्री बनते ही किसानों का कर्ज माफ कर दिया और गौशालाओं की स्थापना की जा रही है.