सूत्रों के मुताबिक बुधनी सीट से सीएम शिवराज के खिलाफ कांग्रेस किसी दिग्गज चेहरे को उतारने की योजना बना रही है.
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भोपाल: 28 नवंबर को होने जा रहे मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले आरएसएस के फीडबैक के चलते सत्तारूढ़ बीजेपी खेमे के भीतर चिंता की लकीरें उत्पन्न हो गई हैं. सूत्रों के मुताबिक आरएसएस ने बीजेपी को सुझाव देते हुए कहा है कि मौजूदा विधायकों में से 78 को इस बार टिकट नहीं दिया जाना चाहिए. सिर्फ इतना ही नहीं, संघ ने यह सुझाव भी दिया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी सीट बुधनी से इस बार चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. इसके बदले संघ ने उनको भोपाल की गोविंदपुरा सीट से किस्मत आजमाने की सलाह दी है.
सूत्रों के मुताबिक बुधनी सीट से सीएम शिवराज के खिलाफ कांग्रेस किसी दिग्गज चेहरे को उतारने की योजना बना रही है. हालांकि वरिष्ठ बीजेपी नेताओं ने इस विचार को खारिज करते हुए कहा कि यह शिवराज चौहान की परंपरागत सीट है और वोटर उनकी जगह किसी अन्य प्रत्याशी को यहां स्वीकार नहीं करेंगे.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की इस रिपोर्ट के मुताबिक गोविंदपुरा सीट बीजेपी का गढ़ रहा है. इस सीट से पूर्व सीएम और बीजेपी के कद्दावर नेता बाबूलाल गौर (88) 1980 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. द टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि दरअसल इन विधायकों के प्रदर्शन के फीडबैक के आधार पर संघ ने इन सीटों से प्रत्याशियों को बदलने को कहा है.
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कहा जा रहा है कि बीजेपी की राज्य चुनाव प्रबंधन कमेटी में इस मुद्दे पर विमर्श भी हुआ. उसमें बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने इस बात पर सहमति भी जताई कि केवल जिताऊ प्रत्याशियों को ही टिकट दिया जाना चाहिए. इसमें यह भी कहा गया कि किसी भी प्रत्याशी को तब तक दागी नहीं ठहराया जाना चाहिए जब तक कि कोर्ट द्वारा उसे दोषी करार नहीं दिया गया हो.
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, राज्य प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे और संगठन के जनरल सेक्रेटरी सुहास भगत ने टिकट वितरण के मसले पर विस्तार से विचार-विमर्श किया है. इस संबंध में बैठक के बाद राकेश सिंह ने पत्रकारों से कहा, ''केवल जीतने की संभावना के आधार पर ही पार्टी की तरफ से प्रत्याशी को टिकट दिया जाएगा. कोई भी संभावित प्रत्याशी तब तक दागी नहीं है जब तक कि कोर्ट द्वारा किसी मामले में उसे दोषी करार नहीं दिया गया है.''
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कांग्रेस ने 80 उम्मीदवारों के नाम तय किए
इस बीच कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में कम से कम 80 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों को बुधवार को अंतिम रूप दे दिया, लेकिन उनमें से किसी के नाम की घोषणा अभी नहीं की है. पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी. पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नई दिल्ली में कांग्रेस चुनाव समिति (सीईसी) की एक बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में मध्य प्रदेश के शीर्ष नेता मौजूद थे और 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर चर्चा की गई.
कांग्रेस मध्य प्रदेश में भाजपा को सत्ता से बेदखल करना चाहती है. भगवा पार्टी इस राज्य में पिछले 15 साल से सत्ता में काबिज है. समझा जाता है कि राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए अन्य उम्मीदवारों के नामों पर फैसला करने के लिए सीईसी की एक अन्य बैठक जल्द ही होगी. मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं.