MP में हुआ गजब गठबंधन: कांग्रेस का बना अध्यक्ष तो बीजेपी ने बनाया उपाध्यक्ष
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MP में हुआ गजब गठबंधन: कांग्रेस का बना अध्यक्ष तो बीजेपी ने बनाया उपाध्यक्ष

मध्य प्रदेश की एक नगर परिषद में अध्यक्ष कांग्रेस का चुना गया है तो उपाध्यक्ष बीजेपी BJP का चुना गया है. जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है. बता दें कि यहां कांग्रेस Congress के 7 पार्षद चुने गए थे. जबकि 4 बीएसपी BSP और तीन पार्षद बीजेपी और एक निर्दलीय पार्षद था. 

MP में हुआ गजब गठबंधन: कांग्रेस का बना अध्यक्ष तो बीजेपी ने बनाया उपाध्यक्ष

दमोह। मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव के बाद बीजेपी और कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए एक दूसरे को हराने के लिए पूरा जोर लगाती नजर आती है. लेकिन प्रदेश के एक दमोह Damoh में कुछ ऐसा हुआ है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. क्योंकि इस नगर परिषद में अनोखा गठबंधन हुआ है. इस नगर परिषद में अध्यक्ष कांग्रेस का चुना गया है, जबकि उपाध्यक्ष बीजेपी का चुना गया है. ऐसे में इसे बेमेल गठबंधन ही कहा जा रहा है. 

पथरिया में हुआ बेमेल गठबंधन
दरअसल, पूरा मामला दमोह जिले की पथरिया नगर परिषद Patharia nagar parisad का है, जहां नगर परिषद के अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली है, तो उपाध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी ने बाजी मारी है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ऐसा हुआ कैसे. बताया जा रहा है कि बीएसपी से कांग्रेस में आए सुंदरलाल विश्वकर्मा ने एक वोट से अध्यक्ष का चुनाव जीत लिया, जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए बीजेपी की ओर से शोभारानी संतोष दुबे उपाध्यक्ष चुनी गई. 

बताया जा रहा है कि कांग्रेस के सुंदरलाल विश्वकर्मा को 15 में से 8 वोट मिले, जबकि गठबंधन के प्रत्याशी को 7 वोट मिले. इस तरह अध्यक्ष के पद पर कांग्रेस की जीत हुई. लेकिन जब उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ तो मामला बदल गया और बीजेपी की शोभारानी संतोष दुबे चुनाव जीती उन्हें 9 वोट मिले और कांग्रेस प्रत्याशी को 6 वोट मिले. 

पथरिया नगर परिषद में 15 वार्ड हैं 
दरअसल, दमोह जिले की पथरिया नगर पंचायत में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने जीत दर्ज कर ली है. ये इलाका चर्चित बीएसपी विधायक रामबाई सिंह का विधानसभा क्षेत्र है, जबकि यह क्षेत्र जलशक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल का संसदीय क्षेत्र भी है. इस बार के चुनाव में पथरिया की 15 सदस्यों वाली नगर पंचायत में कांग्रेस को 7, बीएसपी 4 और भाजपा के 3 पार्षद चुनाव जीतकर आए थे, जबकि एक निर्दलीय प्रत्याशी चुना गया था. बताया जा रहा है कि यहां बीजेपी और बीएसपी ने गठबंधन भी किया था. लेकिन वोटिंग से पहले आखिरी वक्त में मामला पूरी तरह से बदल गया.

 

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