धार बस हादसे से भी नहीं लिया सबक, एक और बड़े हादसे के इंतजार में प्रशासन!
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1268933

धार बस हादसे से भी नहीं लिया सबक, एक और बड़े हादसे के इंतजार में प्रशासन!

धार जिले के घाटाबिल्लोद में बड़े हादसे को निमंत्रण दिया जा रहा है. महू-नीमच हाईवे पर घाटाबिल्लोद में चंबल नदी के ऊपर बनी हुई पुलिया की रेलिंग टूट गई है. 

धार बस हादसे से भी नहीं लिया सबक, एक और बड़े हादसे के इंतजार में प्रशासन!

धार: धार जिले के घाटाबिल्लोद में बड़े हादसे को निमंत्रण दिया जा रहा है. महू-नीमच हाईवे पर घाटाबिल्लोद में चंबल नदी के ऊपर बनी हुई पुलिया की रेलिंग टूट गई है. जो करीब 3 महीनों से टूटी पड़ी है. जिम्मेदार अधिकारी अभी तक इसे ठीक नहीं करवा पाए है. जानकर हैरानी होगी कि 200 से ज्यादा यात्री बसे इस पुलिया से निकलती है. अब यहां पर अगर हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन रहेगा? 

गौरतलब है कि 3 दिन पहले आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित खलघाट में संजय सेतु पुलिया पर दर्दनाक सड़क हादसा हो चुका है. जिसमें 12 लोगों की जान चली गई थी. इस हादसे के बाद शासन प्रशासन और सरकार भी हिल गई थी. हादसे के बाद तमाम दावे किए गए बैठक की गई जांच दल गठित किया गया परंतु मध्यप्रदेश में और भी कई सड़कें और पुलिया आज भी टूटी हुई है. जहां पर हादसे होने का अंदेशा है. इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा.

3 महीने से पुल टूटा पड़ा
धार की घाटाबिल्लोद की चंबल नदी पर बने पुल की रेलिंग बीते 3 महीनों से ज्यादा समय से टूटी पड़ी है. यहां से रोजाना हजारों लोग गुजरते हैं, लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है. यदि यहां पर कोई हादसा होता है तो लोगों को बचा पाना मुश्किल रहेगा. इसकी दूरी जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर है. इस सड़क से होकर अहमदाबाद से इंदौर की ओर गाड़ियां आना-जाना करती है. इंदौर से धार की ओर झाबुआ अलीराजपुर की ओर जाने वाले इस प्रमुख मार्ग बात की जाए तो यात्रियों की रोजाना लगभग 10,000 से ज्यादा लोग इस रोड से सफर करते हैं. महू नीमच हाईवे एमपीआरडीसी का और इस सड़क पर एमपीआरडीसी की बड़ी जवाबदारी बनती है. वहीं एमपीआरडीसी के अधिकारी चैन की नींद सो रहे और एक बड़े हादसे को निमंत्रण दे रहे हैं.

यदि जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो कभी भी हादसा हो सकता है नर्मदा की तरह ही चंबल नदी भी उफान पर रहती है. अभी श्रावण का महीना चल रहा है. लिहाजा नदी में पानी कम है. जब अत्यधिक बारिश होती है तो यह चंबल नदी भी उफान पर रहती है. यह पुल 60 फ़ीट ऊंची है. इस सड़क पर ना केवल वाहन चालकों को बल्कि पैदल चलने वाले लोगों को भी इस टूटी हुई रेलिंग के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. महिलाएं, बच्चे स्कूल इसी रोड से जाते हैं. यदि कोई बच्चा टूटी हुई रेलिंग से टकराकर नीचे गिर गया तो उसे भी बचाना बहुत मुश्किल होगा. 

1 साल से जर्जर हालत में पुल
स्थानीय रहवासी कपिल पटेल ने बताया कि यह पुलिया बीते 1 साल से जर्जर अवस्था में है और रेलिंग को टूटे हुए 1 साल हो गया कई बार अधिकारियों को अवगत करवा दिया है. परंतु कोई सुनने वाला नहीं है, शायद जिम्मेदार अधिकारी खलघाट जैसा हादसा देखना चाहते हैं. इस रोड से बच्चे स्कूल जाते हैं, महिलाएं और पुरुष भी पैदल निकलते हैं यदि कोई नीचे गिर गया तो इसका जवाबदार कौन होगा?

Trending news