Milk Side Effects: इन लोगों को भूलकर भी नहीं पीना चाहिए दूध, हो सकती हैं खतरनाक बीमारियां
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Milk Side Effects: इन लोगों को भूलकर भी नहीं पीना चाहिए दूध, हो सकती हैं खतरनाक बीमारियां

Milk Harmful Effects In Hindi: दूध पीना सेहत के लिए अच्छा होता है. हम लोग बचपन से ही दूध पीते है,लेकिन क्या आपको पता हैं ? इसके सेवन के नुकसान भी हैं. आइए जानते हैं दूध के सेवन के नुकसान

Side Effects of Milk in Hindi

Side Effects of Milk in Hindi: दूध में प्रोटीन, फास्फोरस, पोटेशियम, विटामिन बी 12 आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं इसलिए दूध स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है. हालांकि, अगर आप दूध बहुत ज्यादा और गलत समय पर पीते हैं तो इससे हमारे शरीर को कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जी हां आप बिल्कुल सही सुन रहे हैं दूध के भी हमारे शरीर पर कुछ साइड इफेक्ट होते हैं और आज हम आपको बताने जा रहे हैं दूध कौन से साइड इफेक्ट हैं...

त्वचा की समस्या
दूध के नियमित और ज्यादा सेवन से कई लोगों को त्वचा संबंधी समस्याएं हो जाती हैं. इससे बार-बार चेहरे पर पिंपल्स और दाने हो जाते हैं. इसलिए ऐसे लोगों को दूध का सेवन कम करना चाहिए.

प्रोस्टेट कैंसर का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार दूध का सेवन करने से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आहार विशेषज्ञों ने विभिन्न अध्ययनों के आंकड़ों का विश्लेषण किया और पाया कि दूध में वसा की मात्रा जितनी अधिक होगी, प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी.

हड्डियां कमजोर हो जाती हैं
हमेशा बताया जाता है कि दूध के सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं क्‍योंकि इसमें कैल्शियम होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है. पेटा की रिपोर्ट के मुताबिक गाय का दूध पीने से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं क्योंकि एनिमल प्रोटीन टूटने पर एसिड पैदा करते हैं. कैल्शियम एक एसिड न्यूट्रलाइज़र है. इसलिए, शरीर एसिड को बेअसर करने के लिए शरीर में मौजूद कैल्शियम का उपयोग करता है. यही कारण है,दूध का एक-एक गिलास हड्डियों से कैल्शियम को दूर कर देता है.

दिल का खतरा बढ़ता है
पीसीआरएम संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक दूध में सैचुरेटेड फैट होता है जो धमनियों को ब्लॉक कर देता है. इसके अलावा दूध से बने डेयरी उत्पादों में भी कोलेस्ट्रॉल होता है. जो दिल के लिए हानिकारक होता है.

 

ब्रेस्ट कैंसर
एनसीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक दूध, पनीर और अन्य डेयरी उत्पादों में फैट की मात्रा पाई जाती है. जिससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. करीब 10 हजार महिलाओं पर किए गए सर्वे में यह पाया गया कि कम वसा वाले आहार लेने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा 23 प्रतिशत तक कम हो गया.

लैक्टोज असहिष्णुता
लैक्टोज इंटॉलरेंस पाचन से संबंधित एक विकार है. इस विकार के कारण शरीर लैक्टोज को पचा नहीं पाता है. लैक्टोज इंटॉलरेंस के कारण दूध और दूध से बने उत्पादों से एलर्जी होने लगती है. इससे पेट में पाचन क्रिया नहीं हो पाती और पेट खराब, दस्त और गैस की समस्या होने लगती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इन नुस्खों की पुष्टि नहीं करता है.)

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