2023 चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, जयस 70 सीटों पर उतारेगी अपने कैंडिडेट्स
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2023 चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, जयस 70 सीटों पर उतारेगी अपने कैंडिडेट्स

हीरालाल अलावा (jays Hiralal Alawa) ने कांग्रेस पर विधानसभा में आदिवासियों की आवाज मजबूती से नहीं उठाने का आरोप लगाया है. यही वजह है कि जयस अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है. 

2023 चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, जयस 70 सीटों पर उतारेगी अपने कैंडिडेट्स

प्रमोद शर्मा/भोपालः 2023 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है. दरअसल जय आदिवासी युवा शक्ति (JAYS) यानि कि जयस पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है. यह ऐलान जयस के संरक्षक हीरालाल अलावा (Hiralal Alawa) ने किया है जो कि पिछले चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. 

हीरालाल अलावा ने कहा कि जयस में कोई गुटबाजी नहीं है और जयस संगठित पार्टी है. प्रदेश की 47 अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीटों के अलावा 20 सीटें ऐसी हैं, जहां आदिवासी मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. जयस पार्टी इन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. हीरालाल अलावा ने कांग्रेस पर विधानसभा में आदिवासियों की आवाज मजबूती से नहीं उठाने का आरोप लगाया है. यही वजह है कि जयस अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है.   

कांग्रेस को बड़ा झटका
मध्य प्रदेश में आदिवासी मतदाता जीत की कुंजी माने जाते हैं. यही वजह है कि आदिवासी वर्ग में मजबूत पकड़ रखने वाले संगठन जयस के इंडीपेंडेंट उम्मीदवार उतारने के ऐलान के बाद राजनीतिक पार्टियों की चिंता बढ़ गई है. खासकर कांग्रेस को इससे तगड़ा नुकसान हो सकता है क्योंकि पिछले चुनाव में जयस ने कांग्रेस का समर्थन किया था. इसी का असर था कि एमपी में आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 सीटों में से 31 कांग्रेस के खाते में गईं. 

इस लिहाज से जयस के इंडीपेंडेंट कैंडिडेट उतारने के ऐलान से कांग्रेस को 2023 विधानसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है. प्रदेश में आदिवासी वोटर करीब 20 फीसदी हैं और माना जाता है कि राज्य की करीब 80 सीटों पर आदिवासी मतदाताओं का प्रभाव है. 

'जयस में कांग्रेस का डीएनए'
पूर्व सीएम कमलनाथ का बड़ा बयान सामने आया है. कमलनाथ ने कहा है कि जयस में कांग्रेस का डीएनए है और जयस जहां जीतेगा, वहां हम उन्हें टिकट देने के लिए तैयार हैं. कमलनाथ ने कहा कि जयस खुद बीजेपी को सपोर्ट करने के लिए तैयार नहीं है. मैं लगातार जयस के लोगों से मिलता हूं और संपर्क में रहता हूं. जयस आपस में पांच ग्रुप हैं, जो जीतेगा उसे हमारा टिकट है. 

वहीं भाजपा भी आदिवासी वर्ग पर फोकस कर रही है. साल 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को आदिवासी वोटबैंक के सहारे ही सत्ता मिली थी. भाजपा राज्य में आदिवासियों के लिए कई बड़े समारोह का आयोजन कर चुकी है और पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी एमपी का दौरा कर चुके हैं. बीजेपी ने देश को पहली बार द्रौपदी मुर्मू के रूप में एक आदिवासी राष्ट्रपति दिया है. बीजेपी को 2023 के चुनाव में इसका फायदा मिलने की भी उम्मीद है. 

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