Karni Sena Protest: भोपाल में करणी सेना परिवार का शक्ति प्रदर्शन, करणी सेना प्रमुख ने किया ये बड़ा ऐलान
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Karni Sena Protest: भोपाल में करणी सेना परिवार का शक्ति प्रदर्शन, करणी सेना प्रमुख ने किया ये बड़ा ऐलान

Karni Sena Protest in bhoal: मध्य प्रदेश में करणी सेना प्रमुख ने आज 21 मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया है. करणी सेना प्रमुख का कहना है कि यदि सरकार मांगे नहीं मांगेगी तो करणी से ना चुनावी मैदान में उतरेगी.

Karni Sena Protest: भोपाल में करणी सेना परिवार का शक्ति प्रदर्शन, करणी सेना प्रमुख ने किया ये बड़ा ऐलान

भोपालः मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार को करणई सेना ने अनिश्चितकालीन अनश्न शुरू किया है. वहीं करणी सेना परिवार के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर समेत 5 कार्यकर्ता भूख हड़ाताल पर बैठे हैं. अधिकतर कार्यकर्ता वापस लौट गए. लेकिन अनशन जारी है. बता दें कि करणी सेना द्वारा यहआंदोलन अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति अधिनियम के मामलों में मुद्रस्फीति पर अंकुश लगाने को लेकर किया गया है. 

जानिए क्या कहा करणी सेना प्रमुख
करणी सेना परिवार के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने जी मीडिया से बात करते हुए कहा कि मांगे नहीं मानी गई तो राजनीति में करणी सेना सक्रिय भूमिका निभाएंगी और चुनावी मैदान में उतरेगी. उन्होंने कहा कि करणई सेना सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. जीवन सिंह शेरपुर ने कहा जब तक मांगे पूरी नही होगी अनशन जारी रहेगा, सरकार की ओर से मांगे मानने की बात कही जा रही. लेकिन आश्वासन से काम नहीं चलेगा, आज लाखों लोग जंबूरी मैदान में इकट्ठा हुए थे. हमने लोगों को वापस भेजा है.

भोपाल के जंबूरी मैदान में इकट्टा हुई करणी सेना
आंदोलन में शामिल संगठनों ने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से भी कई लोग भोपाल के जंबूरी मैदान में पहुंचे. बता दें कि करणी सेना के लोग शनिवार से ही भोपाल में पहुंचना शुरु हो गए थे. इस सभा के शुरु होने से पहले ही करणी सेना में विवाद हो गया तथा राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने इस सभा से अपने आपको अलग कर लिया है. 

करणी सेना की प्रमुख मांगे
जातिगत आरक्षण खत्म करके आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाएं तथा एट्रोसिटी एक्ट में बदलाव हो. एससी, एसटी एक्ट की तरह सामान्य-पिछड़ा वर्ग एक्ट बनें जो सामान्य-पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा करें. मप्र की भर्तियों में यहां के युवाओं को प्राथमिकता दी जाए. सवर्ण आयोग की कार्यप्रणाली में सुधारकर उसे क्रियाशील बनाया जाए. कर्मचारियों के रिटायरमेंट की आयु न बढ़ाई जाएं. खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें) को जीएसटी से मुक्त किया जाए. क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में छेड़छाड़ को तुरंत रोका जाए, इतिहास संरक्षण समिति बने ताकि समाज में आपसी सामंजस्य बना रहे.

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