कूनो में काटा गया केक और बंटी मिठाइयां, एक साल की हुई चीता शावक मुखी
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कूनो में काटा गया केक और बंटी मिठाइयां, एक साल की हुई चीता शावक मुखी

Kuno National Park: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में अब चीता प्रोजेक्ट सफल होता दिख रहा है, शुक्रवार में कूनो पार्क में एक शावक का जन्मदिन भी मनाया गया. 

कूनो में मुखी शावक का मनाया जन्मदिन

MP News: पिछले कुछ दिनों में श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में खुशिया दिख रही हैं, नए मेहमानों के आने से पार्क गुलजार है. लेकिन 29 मार्च का दिन कूनो में खुशी का दिन था. क्योंकि एक साल पहले पैदा हुई चीता शावक मुखी का शुक्रवार को जन्मदिन था. ऐसे में पूरे पार्क प्रबंधन ने मुखी का केक काटकर जन्मदिन मनाया और मिठाई बांटकर खुशियां मनाईं. 

मुखी का मनाया जन्मदिन 

कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता ज्वाला की नन्हीं शावक मुखी एक साल की हो चुकी है, आज उसका पहला जन्मदिन है. जो की पूरे पार्क में खुशियों और उत्साह के साथ मनाया गया. नन्ही शावक के जन्म दिन पर कूनो में उत्सव जैसा माहौल तैयार किया गया है. इस शावक के जन्मदिन में बाकी चीता मित्रों के साथ केक काटा गया और मिठाइयां भी बाटी गई. इसी के साथ एक साल की हो चुकी इस शावक का भारतीय नामकरण भी किया गया है, अब सभी इसे कूनों में मुखी के नाम से बुलाएंगे. 

बढ़ रही है चीतों की संख्या

कूनो नेशनल पार्क में अब चीतों की संख्या बढ़ रही है. अब तक ज्वाला चीता ने दूसरी बार 6 शावकों को जन्म दिया है. जबकि आशा चीता ने 4 और गामिनी मादा चीता ने 3 शावकों को जन्म दिया है. ऐसे में अब चीता प्रोजेक्ट को लेकर पार्क प्रबंधन ने भी राहत की सांस ली है. क्योंकि अब भारत में ही जन्म लेने वाले चीता शावकों की संख्या 14 हो गई है. जबकि कूनों में कुल चीतों की संख्या अब 27 पहुंच गई है. 

17 सितंबर 2022 को शुरु हुआ था चीता प्रोजेक्ट 

बता दें कि 17 सितंबर 2022 को चीता प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी. जिसके चलते नामिबिया से कूनो नेशनल पार्क में 8 चीते लाए गए थे. उन्ही में से मादा चीता ज्वाला ने आज से ठीक बीते एक साल पहले 29 मार्च 2023 के दिन ही 4 नन्हे शावकों को जन्म दिया था. जन्म के कुछ देर बाद ही ज्वाला के 4 में 3 शावको की मौत हो गई थी. लेकिन एक शावक मौत को हराने में कामयाब रहा था. जिसे डॉक्टरों की विशेष निगरानी में रखते हुए बचाया गया था. खुशी की बात ये है की डॉक्टरों की मेहनत के चलते जिंदगी से संघर्ष करती हुई शावक जिंदा बच गई थी और वह एक साल की हो गई है. इसी खुशी में कूनो नेशनल पार्क में आज शावक का पहला जन्म दिन मनाया गया. 

भारत में जन्म लेने वाले चीतों की नई पीढ़ी के शावकों को कूनो के वातावरण में ढाला जाना शुरू कर दिया है. वहीं चीता प्रोजेक्ट से जुड़े हुए अफसर इस चीता प्रोजेक्ट को अब सफल मान रहे हैं. साथ ही में स्वदेशी धरा पर विदेशी चीतों के बढ़त को देखते हुए वह खुश है. 

श्योपुर से अजय राठौर की रिपोर्ट 

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