'अग्निपथ योजना' पर बवाल: दुनिया के इन देशों में लागू है पहले से ऐसा नियम
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'अग्निपथ योजना' पर बवाल: दुनिया के इन देशों में लागू है पहले से ऐसा नियम

देश में 'अग्निपथ योजना' पर बवाल मचा हुआ है. इस मामले में राजनीति भी हो रही है. ऐसे में हम आपको यहां उन देशों के बारे में बता रहे हैं, जहां नागरियों को सेना में सेवा देना जरूरी है.

'अग्निपथ योजना' पर बवाल: दुनिया के इन देशों में लागू है पहले से ऐसा नियम

पल्लवी सिंह/नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाई गई सेना में भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ' का देश के युवा विरोध कर रहें हैं. युवाओं का कहना है कि सेना में 4 साल सेवा देने के बाद उनके भविष्य का क्या होगा. केंद्र सरकार ने जब योजना की घोषणा की उसके अगले दिन से ही देश के कई राज्यों में हिसंक प्रदर्शन देखने को मिला. प्रदर्शनकारियों ने सबसे ज्यादा निशाना बसों और ट्रेनों को बनाया. ऐसे में हम आपको यहां बता रहें है दुनिया के उन देशों के बार में, जहां सेना में सेवा देना अनिवार्य है.

इजराइल
यहां पर पुरुषों और महिलाओं को मिलिट्री में सर्विस देना अनिवार्य है, नियम के अनुसार पुरुष तीन साल और महिलाएं 2 साल के लिए सेना में भर्ती होते हैं. यह नियम देश विदेश में रह रहे सभी इजराइली नागरिकों के ऊपर लागू होता है.

ब्राजील
ब्राजील में 18 साल के हो चुके युवाओं के लिए सेना में सेवा देना अनिवार्य है. जिसकी अवधि 10-12 महीने की होती है. यहां सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी पर ही सेना में भर्ती होने पर छूट दी जाती है.

दक्षिण कोरिया
यहां पर देश सेवा को लेकर सख्त नियम है. 18 से लेकर 24 साल तक के युवाओं को सेना में 21 महीने, नौसेना में 23 महीने और वायु सेना में 24 महीने की सेवा देना अनिवार्य है. लेकिन अगर कोई युवा एशियाई खेलों में गोल्ड जीता है, तो उसे सेना में अनिवार्य रुप से सर्विस देने में छूट मिलती है. मेडल नहीं लाने वाले खिलाड़ियों को वापस सेना में आकर सेवा देनी पड़ती है.

उत्तर कोरिया
यहां के युवाओं को सबसे लंबे समय तक सेना में सेवा देनी पड़ती है, उत्तर कोरिया में पुरुषों को 11 साल और महिलाओं को 7 साल सेना में नौकरी करनी होती है.

तुर्की
यहां पर भी 20 साल के हो चुके युवाओं को मिलिट्री में सेवा देना अनिवार्य है. हां कुछ मामलों में छूट जरूर मिलती है, जैसे अगर कोई युवा पढ़ाई कर रहा है तो वो बाद में सर्विस दे सकता है, और तीस साल से देश से बाहर रह रहे लोग एक तय फीस देकर सैन्य सेवा से छूट ले सकते हैं.

रूस
रुस में 18-27 साल के युवाओं को 12 महीने के लिए सेना में सर्विस देना अनिवार्य है.

सीरिया
सीरिया में पुरुषों के लिए सैन्य सेवा देना अनिवार्य है. हां लेकिन यहां महिलाएं वॉलंटियर सर्विस दे सकती हैं. सर्विस से बचने वाले पुरुषों को यहां पर जेल भेज दिया जाता है. बता दें कि 2011 में राष्ट्रपति बशर अल असद ने सेना में सर्विस की समय सीमा 21 महीने से घटाकर 18 महीने कर दिया था.

स्विट्जरलैंड
स्विट्जरलैंड में 18 से 34 साल के पुरुषों को 21 सप्ताह के लिए सेना में सेवा देनी होती है. महिलाओं पर ये नियम लागू नहीं होता है. लेकिन अगर महिलाएं चाहे तो अपनी मर्जी से सेना में भर्ती हो सकती है.

इन देशों के साथ ही ऑस्ट्रिया, ईरान, जॉर्जिया, लिथुआनिया, यूक्रेन सहित म्यांमार में सैन्य सेवा अनिवार्य है.

क्या है अग्निपथ योजना?
केंद्र सरकार ने सेना में छोटी अवधि की नियुक्तियों की घोषणा करते हुए अग्निपथ योजना लॉन्च की. इसके तहत 17.5 से 21 साल के बीच के युवाओं को सेना में भर्ती होने का मौका दिया जाएगा. 50 फीसदी अंको के साथ 12वीं पास युवा आवेदन कर सकेंगे. चयनित युवाओं को 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद 3.5 साल तक सेना में सेवा देने का मौका मिलेगा. शुरुआत में जवानों को 30,000 रुपये वेतन दिया जाएगा. जिसे चौथे साल बढ़ाकर 40,000 कर दिया जाएगा.

बता दें कि सेवा निधि योजना के तहत सरकार जवानों के वेतन का 30 फिसदी हिस्सा सेविंग के रुप में रख लेगी. चार साल की सर्विस के बाद जवानों को 10 लाख से 12 लाख रुपये दिए जाएंगे, जो टैक्स फ्री होगा. योजना के तहत चार साल बाद 25 प्रतिशत युवाओं को सेना में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. बाकी अग्निवीरों को सेना छोड़नी होगी.

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