Balaghat Vidhan Sabha Seat: इस पर भाजपा का फोकस महाकौशल पर है, जिसमें बालाघाट जिला भी आता है. बालाघाट विधानसभा सीट पर भाजपा से सात बार विधायक रहे गौरीशंकर बिसेन वर्तमान विधायक हैं. बता दें कि बालाघाट सीट भाजपा का गढ़ बन गई है.
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Balaghat Vidhan Sabha Seat Analysis: साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी इस बार महाकौशल पर पूरा जोर लगा रही है. पिछली बार महाकौशल में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन पहले से भी काफी खराब रहा था. बालाघाट जिला भी महाकौशल क्षेत्र में आता है और वर्तमान में गौरी शंकर बिसेन सात बार के विधायक हैं, जो भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ते हैं. हाल ही में कुछ दिनों पहले उन्हें चुनाव से पहले मंत्री भी बनाया गया है. बता दें कि गौरी शंकर सात बार विधायक जीतने के अलावा दो बार यहां से सांसद भी रह चुके हैं, इसलिए गौरी शंकर बिसेन बालाघाट जिले की पहचान बन गए हैं. साथ ही बालाघाट की यह सीट भारतीय जनता पार्टी का मजबूत किला है तो आइए समझते हैं इस विधानसभा सीट के सियासी आंकड़े...
पिछले चुनाव के नतीजे
बालाघाट विधानसभा सीट पर पिछले तीन चुनावों में BJP के गौरीशंकर बिसेन लगातार विजेता बनकर उभरे हैं. 2008 के चुनाव में, BJP के गौरी शंकर बिसेन ने 41,344 वोटों के साथ जीत हासिल की, उन्होंने कांग्रेस के अशोक सिंह सरस्वर को हराया था, जिन्हें 29,968 वोट मिले थे. दोनों उम्मीदवारों के बीच वोटों का अंतर 11,376 था.
वहीं, 2013 के चुनाव में, BJP का प्रतिनिधित्व करने वाले गौरीशंकर बिसेन फिर से विधायक चुने गए. उन्हें 71,993 वोट मिले थे, जबकि उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी की अनुभा मुंजारे को 69,493 वोट मिले थे. बता दें कि गौरीशंकर बिसेन सिर्फ 2500 वोटों के मामूली अंतर से जीते थे.
2018 के चुनाव में गौरीशंकर बिसेन ने अपनी जीत का सिलसिला जारी रखते हुए 73,476 वोट हासिल किए, जबकि उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी की अनुभा मुंजारे को 45,822 वोट मिले थे. पिछली बार की तुलना में इस बार, गौरीशंकर बिसेन ने 27,654 वोटों के साथ जीत के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी.
बालाघाट सीट पर जातीय समीकरण
बालाघाट विधानसभा सीट मुख्य रूप से पंवार जाति का दबदबा है, वर्तमान विधायक गौरीशंकर बिसेन इसी समुदाय से आते हैं, इसलिए उन्हें जाति आधारित लाभ मिलता है. हालांकि, इस विधानसभा सीट के परिणाम को निर्धारित करने में पंवार समुदाय के अलावा लोधी और मरार समुदायों का चुनावी प्रभाव भी महत्वपूर्ण महत्व रखता है.
बालाघाट विधानसभा सीट के इतिहास की बात करें तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों की जीत हुई है. हालांकि, कई सालों से ये बीजेपी की गढ़ है. पिछले कई दशकों में कांग्रेस के सुरेंद्र नाथ खरे (1980) और अशोक सिंह सरस्वर (1998) सिर्फ जीतने में कामयाब रहे हैं. वहीं, दूसरे ओर गौरीशंकर बिसेन के नेतृत्व में BJP ने 1985 से इस सीट पर अपना दबदबा बनाए रखा, 1985, 1990, 1993, 2003, 2008, 2013 और 2018 में जीत हासिल की.
बालाघाट विधानसभा सीट के विधायकों की सूची
1980 - सुरेंद्र नाथ खरे (कांग्रेस)
1985 - गौरीशंकर बिसेन (BJP)
1990 - गौरीशंकर बिसेन (BJP)
1993 - गौरीशंकर बिसेन (BJP)
1998 - अशोक सिंह सरस्वर (कांग्रेस)
2003 - गौरीशंकर बिसेन (BJP)
2008 - गौरीशंकर बिसेन (BJP)
2013 - गौरीशंकर बिसेन (BJP)
2018 - गौरीशंकर बिसेन (BJP)