Sawan Shivratri 2022 Puja Vidhi: हिंदू धर्म का सबसे पवित्र महीना सावन चल रहा है. वैसे तो पूरे महीने सावन में भगवान शिव की पूजा की जाती है. लेकिन सावन महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है. इस बार सावन की पहली शिवरात्रि 26 जुलाई को है. आइए जानते हैं शुभ महुर्त और पूजा विधि के बारे में.
Trending Photos
Sawan Shivratri 2022 Puja Vidhi: शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विवाह मां पार्वती के साथ हुआ था. इसलिए हर माह पड़ने वाली शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है. वहीं सावन महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त सावन माह की शिवरात्रि के का व्रत रखकर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करता है, उसके जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता है. इस बार सावन माह के कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि 26 जुलाई को है. यह शिवरात्रि मंगलवार के दिन पड़ने से गौरी मंगला योग बन रहा है. आइए जानते हैं सावन शिवरात्रि पर कैसे करें पूजा और क्या क्या लगेगा पूजन सामग्री?
सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
26 जुलाई मंगलावर के दिन सावन शिवरात्रि पर वर्षों बाद बहुत शुभ संयोग गौरी मंगला योग बन रहा है. इस दिन शंकर जी के साथ गौरी मंगला का पूजा करना बहुत कल्याणकारी होता है. शिवरात्रि पूजन में चार पहर की पूजा होती है. शिवरात्रि की शुभ तिथि 26 जुलाई की शाम को 06 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 27 जुलाई की रात 09 बजकर 10 मिनट तक रहेगी. इस शिवरात्रि पर शिव पूजन और जलाभिषेक शाम के 6 बजे लेकर 7 बजकर 30 मिनट पर करना विशेष फलदायी रहेगा.
शिवरात्रि पूजा सामग्री
यदि आप सावन शिवरात्रि का व्रत रखते हैं तो उससे पहले पूजा की थाली में पूजन सामग्री- पुष्प, पंच फल, पंच मेवा, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बाल, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, गन्ने का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, चंदन, शिव और मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री इत्यादि रख लें.
सावन शिवरात्रि पूजा विधि
सावन शिवरात्रि के दिन ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर स्नान करें और अपने आस-पास के प्राचीन मंदिर में जाएं और भगवान शिव का विधि विधान से जलाभिषक करें और साथ में मां पार्वती की अराधना करें. इसके बाद पूजन सामग्री से विधि विधान से मां पार्वती और शिव की पूजा करें और उन्हा खबू सुंदर श्रृंगार करें. मान्यता है कि जो भक्त सावन शिवरात्रि के दिन मां पार्वती और शिव की पूजा सच्चे मन से करता है उसके जीवन में कभी कोई संकट नहीं आती है.
शिवरात्रि का महत्व
ऐसी मान्यता है कि सावन माह के शिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा विधि विधान से करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. जो महिलाएं सावन माह के शिवरात्रि का व्रत रखती हैं, उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और उनका सुहाग हमेशा बना रहता है.
ये भी पढ़ेंः Sawan Somvar 2022: टीकमगढ़ में स्थित है कुंडेश्वर महादेव का मंदिर, हर साल बढ़ता है ये शिवलिंग
(DISCLAIMER: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और लोक आस्थाओं पर आधारित है. मेरा मकसद सिर्फ सूचना पहुंचाना है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)