MP में नहीं थम रहा ईवीएम विवाद, नायब तहसीलदार सस्पेंड; चुनाव आयोग को देनी पड़ी सफाई
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MP में नहीं थम रहा ईवीएम विवाद, नायब तहसीलदार सस्पेंड; चुनाव आयोग को देनी पड़ी सफाई

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह और कलेक्टर आलोक सिंह के बीच नजदीकी है, जिसके चलते ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका है.

 

चुनावकर्मियों के हाथों इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में वोटिंग  के बाद स्ट्रांगरूम और ईवीएम की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों ने सरकारी मशीन को संदेह के घेरे में ला दिया है. कांग्रेस ने ईवीएम की सुरक्षा में सामने आ रही चूक पर सरकार और सरकारी मशीनरी पर हमला बोला है. सागर में मतदान के 48 घंटे बाद गुरुवार की शाम स्ट्रांगरूम में ईवीएम पहुंचाए जाने के मामले को लेकर कमिश्नर मनोहर दुबे ने नायब तहसीलदार राजेश मेहरा को सस्पेंड कर दिया है. वहीं, मामले को तूल पकड़ते देख राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) ने सफाई दी है.

ईवीएम की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक दल ने दिल्ली में चुनाव आयोग का रुख और स्ट्रांग रूम के अंदर ईवीएम की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की. कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने दावा किया कि मध्य प्रदेश के सागर की खुरई विधानसभा में वोटिंग के 48 घंटे बाद, बिना नंबर प्लेट की एक स्कूल बस ईवीएम लेकर सागर जिला कलेक्टर के दफ्तर पहुंची. जबकि इन अतिरिक्त ईवीएमों को चुनाव के दो घंटे बाद जमा कराना था न कि दो दिन बाद. बता दें कि खुरई से सागर महज 27 किलोमीटर दूर है. इस सीट से राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह और कांग्रेस उम्मीदवार अरुणोदय चौबे के बीच कड़ी टक्कर है.

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ईवीएम की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस चुनाव आयोग के पास पहुंची. (फाइल फोटो)

कांग्रेस ने शिकायत में सागर में मतदान के 48 घंटे बाद ईवीएम पहुंचाए जाने पर सवाल उठाया गया है, साथ ही आरोप लगाया है कि खुरई से बीजेपी के उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह और कलेक्टर आलोक सिंह के बीच नजदीकी है, जिसके चलते गड़बड़ी की आशंका है.

जांच के आदेश
बिना नंबर की गाड़ी में ईवीएम और वीवीपैट सहित 118 मशीनें खुरई से सागर लाने के मामले में सीईओ बीएल कांतारा राव ने सागर कलेक्टर आलोक कुमार सिंह को जांच के आदेश दिए हैं.

MP: मतगणना से पहले उठा EVM का मुद्दा, स्ट्रांग रूम की लाइट बंद होने से मचा बवाल
इसी तरह भोपाल की पुरानी जेल परिसर में बनाए गए स्ट्रांगरूम के बाहर लगी एलईडी के बंद होने पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है. बताया गया कि शुक्रवार सुबह आठ बजे अचानक स्ट्रांगरूम के बाहर चलने वाली एलईडी स्क्रीन बंद हो गई. इस एलईडी पर स्ट्रांगरूम में रखी ईवीएम मशीनों को बाहर से देखा जा सकता है. स्क्रीन के बंद होते ही वहां मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ऐतराज जताया, साथ ही ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया. लगभग डेढ़ घंटे तक एलईडी बंद रही. इसके अलावा सतना के स्ट्रांगरूम के पिछले दरवाजे से सामग्री लाए जाने का मामला भी तूल पकड़े हुए है.

सिंधिया ने किया ट्वीट
मध्यप्रदेश कांग्रेस की चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को ट्वीट कर स्ट्रांगरूम के वीडियो सामने आने पर साजिश की आशंका जताई है.

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सिंधिया ने ट्वीट किया, "भोपाल में स्ट्रांगरूम के बाहर लगी एलईडी बंद होना, सागर में गृहमंत्री की विधानसभा सीट की रिजर्व ईवीएम का 48 घंटे बाद स्ट्रांगरूम में पहुंचाया जाना, सतना-खरगोन में अज्ञात बक्से को स्ट्रांगरूम में ले जाए जाने का वीडियो सामने आना बड़ी साजिश की ओर इशारा है."

स्ट्रांगरूम पर नजर रखने की अपील
उन्होंने आगे लिखा, "भाजपा अपनी संभावित हार को देखते हुए लोकतंत्र और जनता के मत को कुचलने पर आमादा हो गई है. ये सरकार के संरक्षण में लोकतंत्र की हत्या का प्रयास है, चुनाव आयोग शीघ्र सख्त कदम उठाकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई कर मतगणना तक ईवीएम की कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करे." साथ ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, "प्रदेश के सभी जांबाज कार्यकर्ताओं से भी अनुरोध, वे भी मतगणना तक स्ट्रांगरूम पर कड़ी नजर रखें, जिससे भाजपा किसी भी तरह की साजिश में कामयाब ना हो सके."

कलेक्टर-एसपी का जिम्मा
एमपी इलेक्शन के सीईओ ने ट्वीट कर भरोसा दिलाया है, ''सभी ईवीएम सेफ, सिक्योर और सील हैं. हम व्यक्तिगत रूप से हर किसी को जवाब नहीं दे सकते, लेकिन लोगों का भरोसा बनाए रखने की पूरी कोशिश करेंगे.''

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सीईओ ने कहा कि चुनाव से जुड़े सभी तरह के मामलों के लिए कलेक्टर और एसपी जिम्मेदवार होंगे. उन्होंने दावा किया कि ईवीएम में किसी तरह की गड़बड़ी संभव नहीं है, स्ट्रांगरूम की सुरक्षा पुख्ता है.

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