छत्तीसगढ़ के सुकमा हमले के बाद नक्सली प्रवक्ता विकल्प ने एक ऑडियो टेप जारी कर कहा है कि पुलिस और अर्धसैन्य बल छत्तीसगढ़ के बस्तर में आदिवासी युवतियों का यौन शोषण कर रहे हैं. इसी का बदला लेने के लिए सुकमा के भेज्जी और बुरकापाल में हमला किया गया.
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नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के सुकमा हमले के बाद नक्सली प्रवक्ता विकल्प ने एक ऑडियो टेप जारी कर कहा है कि पुलिस और अर्धसैन्य बल छत्तीसगढ़ के बस्तर में आदिवासी युवतियों का यौन शोषण कर रहे हैं. इसी का बदला लेने के लिए सुकमा के भेज्जी और बुरकापाल में हमला किया गया.
इस क्लिप में माओवादियों के प्रवक्ता विकल्प ने कहा है कि नक्सलियों ने यह हमला सुरक्षा बलों की ओर से की जा रही कार्रवाई के विरोध में किया है.
माओवादियों का कहना है कि पिछले साल छत्तीसगढ़ में मारे गए 9 माओवादियों और फिर ओडिशा में कथित रूप से 9 ग्रामीणों समेत कुल 21 लोगों के मारे जाने के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है.
माओवादियों ने सीआरपीएफ के 25 जवानों को मार दिया था
नक्सलियों ने कहा है कि यह हमला भेज्जी में पिछले 11 मार्च को किए गए हमले की ही एक और कड़ी है. इस साल वह सुरक्षा बलों को परास्त करेंगे. सोमवार को सुकमा के चिंतागुफा के पास किए गए हमले में माओवादियों ने सीआरपीएफ के 25 जवानों को मार दिया था.
ऑडियो बयान में माओवादी प्रवक्ता ने सुरक्षा बलों के शव क्षत-विक्षत किए जाने का खंडन किया है. हमले के बाद घटनास्थल पर मीडिया से बात करते हुए सीआरपीएफ के डीआईजी ने कहा था कि जवानों के शवों को क्षत-विक्षत किया गया और डिफाइल किया गया, लेकिन नक्सलियों ने इस तरह की कार्रवाई से इनकार किया और कहा कि वह शवों का अपमान नहीं करते.
पिछले 2 महीने के भीतर माओवादी बस्तर में सीआरपीएफ के 37 जवानों को मार चुके हैं. विकल्प ने कहा है कि बुरकापाल में मारे गए जवानों का गुप्तांग काटे जाने का आरोप सरकार और पुलिस के दबाव में कॉरपोरेट मीडिया द्वारा लगाया जा रहा है.