बुंदेलखंड की मिठास घड़िया घुल्ला
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बुंदेलखंड की मिठास घड़िया घुल्ला

बुंदेलखंड की अपनी संस्कृति है और अपनी परंपरा, जो लोग बुंदेलखंडी है वो जानते हैं कि घड़िया घुल्ला क्या होती है, लोगों का इंतज़ार पूरा हुआ और आ गई है घड़िया घुल्ला, पढ़िए पूरी ख़बर। 

बुंदेलखंड की मिठास घड़िया घुल्ला

दमोह: बुंदेलखंड की अपनी संस्कृति और अपनी एक मिठास है, यहां सूर्य के स्थान परिवर्तन का उत्सव पूरे पखवाड़े बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

इस मौके पर दमोह में जगह-जगह मेले आयोजित किए जा रहे हैं और इन मेलों में बुंदेली संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।

जिनमें सबसे खास है घड़िया घुल्ला, ये एक तरह की मिठाई है जो सिर्फ शक्कर से बनाई जाती है।

शक्कर और रंगों का इस्तेमाल कर उसे शक्ल दी जाती है पशु, पक्षी और देश के प्रसिद्ध स्मारकों की आकृति इस मिठाई से बनाई जाती है।

मकर संक्रांति के 5 दिन पहले से ही इसको तैयार किया जाने लगता है, मकर संक्रांति के दिन इसका पूजन होता है और फिर पूरे 15 दिन तक घड़िया घुल्ला पूरे इलाके में मिठास फैलाती है।

कई पीढ़ियों से घड़िया घुल्ला बनाने का काम दमोह में हो रहा है जिसकी मांग ना सिर्फ प्रदेश के दूसरे जिलों में है बल्कि दूसरे प्रदेशों में भी इसे बेहद पसंद किया जाता है।

घड़िया घुल्ला से धार्मिक मान्यताएं और संस्कृति भी जुड़ी हुई है, जानकार बताते हैं कि इसका प्रचलन महाभारत काल के बाद बढ़ा और अबतक घड़िया घुल्ला अपनी मिठास से लोगों को लुभा रही है।

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