छत्तीसगढ़ के कई जिलों में गर्मियों के मौसम में पानी की समस्या काफी हद तक बढ़ जाती है और पेयजल संकट गहराने लगता है.
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मुंगेली: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में गर्मियों के मौसम में पानी की समस्या काफी हद तक बढ़ जाती है और पेयजल संकट गहराने लगता है. पानी की समस्या से निपटने के लिए शासन द्वारा पुख्ता इंतजाम करने की बात तो कही जाती है, लेकिन वो सिर्फ कागजों पर ही नजर आती है. इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला सुदूर वनांचल क्षेत्र के ग्राम पंचायत महामाई के आश्रित ग्राम डगनिया में जहां बैगा आदिवासी हैंडपंप से निकलने वाले लाल रंग के दूषित पानी को पीने और घरेलू काम में इस्तेमाल करने को मजबूर हैं.
लाल रंग का पानी पीने को मजबूर
बैगा आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शासन द्वारा बहुत सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन ये सारी योजनाएं उन तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती हैं. मुंगेली जिले के ग्राम डगनिया में रहने वाले बैगा आदिवासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. ग्राम डगनिया में करीब 30 से 35 बैगा परिवार रहते हैं. इन परिवारों के लिए प्रदेश सरकार ने 5 हैंडपंप लगवाए हैं, जिसमें से 3 हैंडपंप खराब हो चुके हैं. वहीं चालू हालत वाले दो हैंडपंप से लाल रंग का दूषित पानी निकलता है. बैगा आदिवासी इस दूषित पानी को पीने के लिए मजबूर हैं और दैनिक कार्यों में भी इसी पानी का उपयोग करते हैं.
साफ पानी के लिए 3 किलोमीटर सफर
स्थानीय ग्रामीण आदिवासियों ने बताया कि इस पानी से ही उन्हें खाना भी बनाना पड़ता है. साफ पानी के लिए 3 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. उन्होंने बताया कि बीते तीन-चार महीनों से हैंडपंप से लाल पानी निकल रहा है. इसकी शिकायत हमने सरपंच और अधिकारियों से भी की, लेकिन अभी तक इसे सही नहीं कराया गया है. आपको बता दें कि हाल ही में वन विभाग के सचिव आरपी मंडल ने जंगलो का दौरा कर बैगा आदिवासियों की समस्या सुनी थी और उनके निराकरण का आश्वासन भी दिया था. लेकिन आज भी उनकी समस्याएं यथावत बनी हुई हैं.
कराया जाएगा पानी का परीक्षण
इस मामले में लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी के अधिकारी ने कहा कि वहां के पानी का परीक्षण कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि पानी के गंदे होने का कारण पता करने के लिए उसकी जांच कराई जाएगी. वहीं कांग्रेस नेता सागर सिंह ने विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जंगल क्षेत्र हर वर्ष भारी पेयजल की समस्या होती है. डगनिया गांव में लोहा युक्त पानी निकल रहा है, लेकिन विभाग के अधिकारियों को वनग्राम में रहने वाले बैगाओं की सुध लेने का समय नही है.