शिवराज सिंह की चेतावनी, 'मैं अभी जिंदा हूं, मेरे कार्यकर्ताओं को फंसाया तो छोड़ूंगा नहीं'
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शिवराज सिंह की चेतावनी, 'मैं अभी जिंदा हूं, मेरे कार्यकर्ताओं को फंसाया तो छोड़ूंगा नहीं'

विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली हार के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं. 

चौहान ने कहा कि मुझे क्या मालूम था कि हारने के बाद भी हर जगह हीरो जैसा स्वागत होगा.

भोपाल: विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली हार के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं. मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हमें वोट अधिक मिले, बस थोड़ी सीटें कम आई हैं. मैंने कमलनाथ सरकार से कहा है कि जनकल्याणकारी योजनाए बंद नहीं होना चाहिए.
 
अमरकंटक एक्सप्रेस ट्रेन से होशंगाबाद भोपाल जा रहे शिवराज सिंह चौहान से मिलने रेलवे स्टेशन पर कार्यकर्ताओ का हुजूम उमड़ गया. कार्यकर्ताओं से मिलकर पूर्व सीएम ने कहा कि एमपी में आधी-अधूरी लंगड़ी सरकार है. अभी नई सरकार को काम करने दो. सीएम के सामने कार्यकर्ताओं ने 'छह महीने की बात है' के नारे लगाए. चौहान ने कहा कि मुझे क्या मालूम था कि हारने के बाद भी हर जगह हीरो जैसा स्वागत होगा. उन्होंने 'टाइगर जिंदा है' को फिर दोहराया और नई सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मेरे कार्यकर्ताओं को फंसाया तो मैं छोड़ूंगा नहीं. 

स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती प्रदेशभर में सुशासन दिवस के रूप में मनाई गई. इसी कड़ी में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अनूपपुर में सुशासन दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे. लेट आने की वजह बताते हुए एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान ने जनता का मन जीत लिया. कहा कि मेरा बंगला बदल गया है, बंगला छोटा है, पर दिल बड़ा है. आगे उन्होंने कहा कि मैंने जो योजनाएं बनाई है, उन में गड़बड़ी हुई तो मैं रोड पर उतर जाऊंगा.

इससे पहले, शिवराज का 'टाइगर अभी जिंदा है' वाला बयान काफी चर्चा में रहा था. पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने मुख्यमंत्री आवास पर अंतिम कार्यक्रम में अपने विधानसभा क्षेत्र बुधनी से आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा था, "कोई भी चिंता मत करना कि हमारा क्या होगा, मै हूं न शिवराज सिंह चौहान, टाइगर अभी जिंदा है.' चौहान के इस बयान ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. 

उल्लेखनीय है कि राज्य में कांग्रेस को दूसरे दलों के सहयोग से सत्ता मिली है. बहुमत के जादूई आंकड़ों से कांग्रेस के पास दो सीटें कम हैं. बसपा, सपा और निर्दलीय के समर्थन से कांग्रेस के साथ 121 सदस्य हो गए हैं. 230 विधानसभा सीटों वाले सदन में भाजपा के 109 सदस्य हैं.

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