मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 के लिए चुनावी चौसर बिछ चुकी है.
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नई दिल्ली/भोपाल: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 के लिए चुनावी चौसर बिछ चुकी है. राज्य में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपना जनाधार बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं. दोनों ही राजनीतिक दल जमीनी स्तर पर काम करने के साथ ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए हैं. बीजेपी और कांग्रेस सोशल मीडिया के जरिए युवा मतदाताओं को रिझाने के प्रयास में जुट गई हैं. आपको बता दें कि कांग्रेस ने अपनी सोशल मीडिया टीम को 'राजीव के सिपाही' नाम दिया है. वहीं कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी ने करीब 65,000 'साइबर योद्धा' की टीम सोशल मीडिया पर उतार दी है. मध्यप्रदेश भाजपा के आईटी सेल प्रभारी शिवराज सिंह डाबी ने बताया कि पार्टी ने पिछले तीन महीने में करीब 65,000 'साइबर योद्धाओं' को तैनात किया है तथा जल्द ही और 5,000 लोगों को साइबर सेल से जोड़े जाएगा.
वहीं, मध्यप्रदेश कांग्रेस आईटी सेल प्रभारी धर्मेंद्र बाजपेयी ने बताया कि कांग्रेस ने सोशल मीडिया की टीम में तकरीबन 4,000 लोग जोड़े हैं. उन्होंने कहा कि इस टीम को 'राजीव के सिपाहियों' के नाम से जाना जाएगा. ये टीम बीजेपी के सोशल मीडिया नेटवर्क के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी. उन्होंने बताया कि इसके अलावा, पार्टी इस काम में और 5,000 लोगों को प्रशिक्षण देगी. पार्टी ने डिजिटल क्षेत्र में क्रांति लाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर अपने सोशल मीडिया में काम करने वाले इन लोगों को 'राजीव का सिपाही' कहा है. बाजपेयी ने कहा कि हम 25 जून से प्रदेश में प्रशिक्षण सत्र शुरू करने जा रहे हैं.
दोनों दलों के मीडिया प्रभारियों ने बताया कि वे मशहूर सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, ट्विटर एवं व्हाट्सऐप पर लोगों तक पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि वे विशेष रूप से व्हाट्सएप पर जोर देंगे, क्योंकि इस पर बहुत ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं.