छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर ओडिशा सीमा से लगे ग्राम अमलोर और ओढ़ के बीच हुए नक्सली हमले में 2 जवान शहीद हो गए.
Trending Photos
रायपुर: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर ओडिशा सीमा से लगे ग्राम अमलोर और ओढ़ के बीच हुए नक्सली हमले में 2 जवान शहीद हो गए. जिला प्रशासन की ओर से ग्राम आमामोरा में गुरुवार को जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया है उससे पहले बुधवार को यह घटना हुई. एसपी एमआर आहिरे के मुताबिक जन समस्या निवारण शिविर के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. करीब 300 जवानों की अतिरिक्त ड्यूटी उस इलाके में लगाई गई है.
नक्सलियों ने मौका पाकर किया ब्लास्ट
अधिकारियों की मानें तो 3 मई को ग्राम आमामोर में जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया जाना था. इसी तारतम्य में बुधवार को सुबह करीब 10:30 बजे रोड ओपनिंग के लिए जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के जवानों की तीन अलग-अलग टुकडिय़ां निकली थी. प्रथम पार्टी में करीब 30 जवानों की टुकड़ी रोड क्लीयरेंस और विस्फोटक जांच करते जा रही थी, तभी पहले से घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने मौका पाकर ब्लास्ट कर दिया.
दोनों जवान 2013 में जिला पुलिस में भर्ती हुए थे
कांकेर जिला के नरहरपुर थाना अंतर्गत ग्राम डोड़कावाही निवासी लेख राम और देवभोग थाना क्षेत्र के ग्राम करचिया निवासी भोजसिंह ब्लास्ट की चपेट में आ गए. लेखराम घटनास्थल पर ही शहीद हो गए. वहीं भोजराम गंभीर रूप से घायल हो गए. प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जिला अस्पताल लाया जा रहा था कि रास्ते में उसकी सांसे थम गई. दोनों जवान 2013 में जिला पुलिस गरियाबंद में भर्ती हुए थे. पुलिस अधीक्षक एमआर आहिरे ने बताया कि घटना को अंजाम देने के लिए नक्सलियों ने तीनों ओर से घात लगाया हुआ था. जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया.
जनसमस्या निवारण शिविर था निशाना
बताया जा रहा है कि नक्सलियों का मुख्य उद्देश्य 3 मई को ग्राम आमामोरा में आयोजित जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर को निशाना बनाना था. अधिकारी भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं. यहां यह बताना लाजिमी है कि जिला बनने के पूर्व आमामोरा में नक्सलियों ने बड़ी घटना को अंजाम दिया था. इसमें एडिशनल एसपी राजेश पवार समेत करीब आधा दर्जन जवान शहीद हो गए थे. इसके अलावा इसी वर्ष छत्तीसगढ़ और ओडिशा सीमा से लगे गांवों में नक्सली घटना हुई है. इससे यह माना जा रहा है कि नक्सली ओडिशा से लगे सीमावर्ती गांवों में अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए इस तरह के घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.
(इनपुट: IANS)