राजस्थान: स्वाइन फ्लू से अब तक 49 मौतें, स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ीं
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राजस्थान: स्वाइन फ्लू से अब तक 49 मौतें, स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ीं

राजकीय विद्यालयों में होने वाली प्रार्थना सभाओं में छात्रों को स्वाइन फ्लू के बारे में जानकारी दी जायेगी. उन्हें स्वाईन फ्लू के लक्षणों एवं उपचार के बारे में बताया जायेगा

पॉजिटिव केस की बात करें तो राजस्थान देश में पहले पायदान पर है

आशुतोष शर्मा/जयपुर: राजस्थान प्रदेश में साल 2019 की शुरुआत में ही स्वाइन फ्लू पूरी तरह अपने पांव पसार चुका है. महज 20 दिनों में के अंदर राजस्थान में स्वाइन फ्लू से 49 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 1 हजार 233 लोग स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाए गये है. पॉजिटिव केस की बात करें तो राजस्थान देश में पहले पायदान पर है. ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा के निर्देश पर प्रदेश स्तर पर आज से 23 जनवरी तक तीन दिवसयी एक अभियान की शुरुआत की है 'स्वास्थ्य दल आपके द्वार'.

इस अभियान के तहत पुरे प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की टीमें लोगों के घरों, स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थाओं में पहुंच रही है. स्वाइन फ्लू व अन्य मौसमी बीमारियों को लेकर जागरूकता फैला रहे है. डोर टू डोर इस अभियान के दौरान अगर किसी घर में स्वाइन फ्लू संदिग्ध पाया जा रहा है तो उस घर और उसके आसपास की स्क्रीनिंग कराई जा रही है. जयपुर की बात करें तो 21,22 और 23 जनवरी को CMHO प्रथम नरोत्तम शर्मा के नेतृत्व में 1 हजार टीमें बनाई गई है जो इस अभियान में शामिल की गई है.

डॉक्टर शर्मा ने बताया कि सभी राजकीय विद्यालयों में होने वाली प्रार्थना सभाओं में छात्रों को स्वाइन फ्लू के बारे में जानकारी दी जायेगी. उन्हें स्वाईन फ्लू के लक्षणों एवं उपचार के बारे में बताया जायेगा. उन्होंने इस संबंध में षिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित कर यह जागरूकता अभियान चलाने के निर्देष दिये हैं. चिकित्सा मंत्री ने बताया कि स्वाईन फ्लू पर प्रभावी रोकथाम गतिविधियां सुनिश्चित करने के लिये सभी चिकित्साकर्मियों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गयी है. प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में स्वाईन फ्लू की जांच के लिए नमूने एकत्रित करने व उनको जांच के लिए मेडिकल कालेजों में भिजवाकर तत्काल जांच रिपोर्ट लेने एवं पाजिटिव पाये जाने पर आवश्यक उपचार की कार्यवाही की जा रही है.

साथ ही स्वास्थ्य विगाभ ने स्वाइन फ्लू को लेकर सावधानी बरतने को लेकर निर्देश देते हुए यह कहा है कि सर्दियों के इस मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार सामान्य बीमारियां हैं लेकिन इन बीमारियों को अनदेखा नहीं करें. यह होते ही तुरंत डॉक्टर से इलाज शुरू करवाए. सर्दी-खांसी और जुखाम के लक्षणों वाले स्वाइन फ्लू के वायरस सक्रिय हैं इसलिए सावधानी बरतें खांसी जुकाम गले में खराश तेज दर्द होने पर एकांत में विश्राम करें. किसी स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए, भीड़ भाड़ वाली जगह पर नहीं जाए.

साथ ही चिकित्सा मंत्री ने स्वाइन फ्लू को गंभीर बीमारी न बताते हुए यह कहा कि स्वाइन फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं हैं, बल्कि सावधानी बरतने तथा स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखते ही, चिकित्सक से सम्पर्क करने की जरूरत है. समय पर उपचार लेने से स्वाईन फ्लू का उपचार हो सकता है.

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