साल भर से कैसेट सुनकर की बीएड की तैयारी, अब इस वजह से नेत्रहीन के भविष्य पर संकट
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साल भर से कैसेट सुनकर की बीएड की तैयारी, अब इस वजह से नेत्रहीन के भविष्य पर संकट

बूंदी निवासी रोहित दौलतानी को यह पता नहीं था कि वो जो बीएड के लिये फार्म भर रहा है वह उसे  4 साल के लिए दाखिला दे रहा है. इस छात्र की बदनसीबी  देखिए इसका भाई भी शत प्रतिशत नेत्रहीन है. इस बात का पता तब चला कि फार्म गलत श्रेणी में भर गया, जब दो दिन पहले प्रवेश पत्र आया. 

नेत्रहीनता के कारण दो वर्ष की जगह बीएड चार वर्ष भर दिया.

Bundi: बून्दी शहर निवासी नेत्रहीन छात्र अपनी नेत्रहीनता के कारण बीएड दो वर्ष की जगह बीएड चार वर्ष भर दिया. मजबूरी है कि देख भी नहीं पाया. ईश्वर का अन्याय कहे या फिर इस छात्र की बदनसीबी इसका भाई भी शत प्रतिशत नेत्रहीन है. इस बात का पता तब चला कि फार्म गलत श्रेणी में भर गया, जब दो दिन पहले प्रवेश पत्र आया. 

4 वर्ष के फॉर्म को सबमिट कर दिया था
बूंदी निवासी रोहित दौलतानी को यह पता नहीं था कि वो जो बीएड के लिये फार्म भर रहा है वह 4 साल के लिए उसे दाखिला दे रहा है, जबकि उसकी मंशा थी कि वह बी एड 2 वर्ष के लिए ही करें. ऐसे में विकलांग दृष्टिहीन होने से उसे इस बात का पता नहीं लगा कि उसे 4 वर्ष के फॉर्म को सबमिट कर दिया है. हाल ही में प्रवेश पत्र आने के बाद जब उसको इस बात की जानकारी मिली कि फिर से 4 वर्ष तक B.Ed की परीक्षा देनी होगी तो उसके होश उड़ गए. उसने इस मामले में कुलपति को भी शिकायत पत्र भेजा है और मांग कि है कि उसे 2 वर्ष का ही प्रवेश B.Ed में रखा जाए.

कांग्रेस नेता ने दो वर्ष परीक्षा में अनुमति की लगाई गुहार
कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति से मानवीय आधार पर नेत्रहीन रोहित को बी एड दो वर्ष परीक्षा में अनुमति देने की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि मानवीय भूल होने के नाते दृष्टिहीन विकलांग को राहत दी जाए.

ईमित्र संचालक की गलती से ये हुआ 
इस मामले में सोमवार को जिला कलेक्टर महोदय से भी मिलेंगे. उन्होंने कहा कि ईमित्र संचालक की गलती से यह सब हुआ है. इसे मानवीय भूल समझकर दिव्यांग दृष्टिहीन रोहित को राहत दी जाए.

पीड़ित दिव्यांग दृष्टिहीन रोहित ने बताया कि वह पिछले 1 वर्ष से B.Ed परीक्षा की तैयारी कर रहा है, लेकिन हाल ही में प्रवेश पत्र आने पर उसे 2 वर्ष B.Ed की बजाय 4 वर्ष B.Ed में परीक्षा की जानकारी मिली. 

 

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