मृत पशुओं को उठाने के लिए मांगे पैसे, तो पंच -पटेलों ने जातिगत अपमानित कर जान से मारने की दी धमकी
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मृत पशुओं को उठाने के लिए मांगे पैसे, तो पंच -पटेलों ने जातिगत अपमानित कर जान से मारने की दी धमकी

खाफ पंचायत करने में प्रमुख पटेल भोपराज जाट शुरेश जाट माणकचन्द जाट (चोयल) मोहन गायरी शिव गायरी भगवती माली शांति लाल मेघवाल आदि गांव के पन्चों ने पहले पीड़ित परिवार से रहड़ (आवाज लगवाकर) पन्चों को इकठ्ठा करवाया और सभी के सामने जातिगत अपमानित किया और जातिगत गालियां देकर जान से मारने की धमकी भी दी.  

परिश्रमिक मांगे जाने पर प्रताड़ित कर जान से मारने की दी धमकी.

Nimbahera: चित्तौड़गढ़ जिले में मृत मवेशी उठाने के पैसे मांगने पर गाव के पंच पटेलों ने खाफ पंचायत बुलाकर जातिगत अपमानित करने का मामला सामने आया है. ये पीड़ित परिवार चितौड़गढ़ जिले के लसडावन ग्राम के निवासी है. बताया जा रहा है कि परिवार मृत मवेशी उठाने के साथ मोची का कार्य कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है. 

खाफ पंचायत करने में प्रमुख पटेल भोपराज जाट शुरेश जाट माणकचन्द जाट (चोयल) मोहन गायरी शिव गायरी भगवती माली शांति लाल मेघवाल आदि गांव के पन्चों ने पहले पीड़ित परिवार से रहड़ (आवाज लगवाकर) पन्चों को इकठ्ठा करवाया और सभी के सामने जातिगत अपमानित किया और जातिगत गालियां देकर जान से मारने की धमकी भी दी.  पहले तो इन्हें मवेशी उठाने के लिये विवश किया गया और पीड़ित द्वारा परिश्रमिक मांगे जाने पर जातिगत प्रताड़ित कर गाली गलौज दी गई.

पीड़ित परिवार ने बताया कि पिछले दो महीने से प्रताड़ित किया जा रहा है, पीड़ित परिवार की गलती नहीं होने के बावजूद ग्राम के पन्चों से माफी भी मांगी, इसके बावजूद पंच पटेलों के कठोर निर्णय से ये परिवार बेरोजगार हो गया. अब इस परिवार को गांव छोड़ने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा है.

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पीड़ित परिवार को दलित होने की वजह से गांव छोड़ने की धमकी दी जा रही है, इतना ही नहीं 17 वर्षों से जो दुकान लगा कर गुजारा कर रहा था उसे भी बन्द करवा दिया गया.गांव के पन्चों ने खाक पंचायत बुलाकर गाव से बहिष्कृत करने की धमकी दी जा रही है. गांव के दबंगो के डर की वजह से कोई इनके खिलाफ आवाज नहीं उठा रहा है , पीड़ित परिवार का कहना है कि इन लोगो ने हमारा जीना दुर्भर कर दिया है. शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो गए हैं. पीड़ित परिवार को डर है कि उसके परिवार के ऊपर कभी भी हमला हो सकता है. पीड़ित परिवार का कहना है कि उसकी समस्त जिम्मेदारी अब पन्चों की होगी.

मिली जानकारी के अनुसार इसी गांव के दिनांक 16-06-2009 को भवंर मेघवाल पुत्र बाबू मेघवाल ने 45000 रुपये लेकर गांव का यह मृत मवेशी उठाने और मोची का काम करने का फैसला हुआ था, जिसके अनुसार पीड़ित परिवार इस गांव में काम करेगा, जिसके बावजूद भवंर मेघवाल गांव वालों के साथ मिलकर शराब पीकर गाली गलौज करने लग गया और पीड़ित परिवार को काम नहीं करने देने लग गया तथा लोगों के साथ मिलकर वह खुद मोची की दुकान लगाने लग गया.

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Reporter- Deepak Vyas

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