राजस्थान कांग्रेस में नहीं है ऑल इज़ वेल, अपनी सरकार के मंत्रियों से नाराज हैं विधायक और मंत्री
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राजस्थान कांग्रेस में नहीं है ऑल इज़ वेल, अपनी सरकार के मंत्रियों से नाराज हैं विधायक और मंत्री

 राजस्थान में कांग्रेस के भीतर इन दिनों फिर से बग़ावत के स्वर नज़र आ रहे हैं. इस बार बग़ावत का झंडा सचिन पायलट और उनके कैंप में नहीं बल्कि उन विधायकों और मंत्रियों ने उठाया है जो अशोक गहलोत के बेहद ख़ास माने जाते हैं. नाराज़गी मुख्यमंत्री से नहीं बल्कि सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों से है.

राजस्थान कांग्रेस में नहीं है ऑल इज़ वेल, अपनी सरकार के मंत्रियों से नाराज हैं विधायक और मंत्री

Jaipur: राजस्थान में कांग्रेस के भीतर इन दिनों फिर से बग़ावत के स्वर नज़र आ रहे हैं. इस बार बग़ावत का झंडा सचिन पायलट और उनके कैंप में नहीं बल्कि उन विधायकों और मंत्रियों ने उठाया है जो अशोक गहलोत के बेहद ख़ास माने जाते हैं. नाराज़गी मुख्यमंत्री से नहीं बल्कि सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों से है. शिकवा इस बात को लेकर है कि इस संकट के समय सरकार को बचाने से लेकर हर चुनाव में परफ़ॉर्म करने के बावजूद मंत्रियों के स्तर पर सुनवाई नहीं होती. जनता के काम नहीं होते. युवाओं से जुड़े मुद्दे पर एक्शन नहीं लिया जाता. ताज़ा मामला बसपा से कांग्रेस में आए विधायक वाजिब बली के बयान से जुड़ा हुआ है.

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मंत्री बीडी कल्ला पर वाजिब अली ने उठाए सवाल

वाजिब अली ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके डिपार्टमेंट में हमारे कोई काम नहीं होते. बसपा से कांग्रेस में आए विधायक वाजिब अली ने तो मंत्रियों की बातचीत पर ही सवाल खड़े हैं. वाजिब अली ने कहा कि कई मंत्रियों के बर्ताव ठीक नहीं है. वो ऐसे मानते हैं कि वह जिंदगी भर के लिए मंत्री बने काम तो दूर उनसे मिलना भी मुश्किल है. मंत्री BD कल्ला के विभाग में बिल्कुल काम नहीं होते. अल्पसंख्यकों ने 99 फीसदी वोट कांग्रेस को दिए हैं, लेकिन उनकी समस्याओं को फिर भी दूर नहीं किया गया. कांग्रेस को इसका बड़ा खामियाजा भुगतने होगा.

हरीश चौधरी और गुढ़ा भी उठा चुके हैं सरकार की कार्यशैली पर सवाल

दरअसल, इससे पहले राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री और वर्तमान में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी विधायक हरीश चौधरी और राजस्थान सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी राजस्थान सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर चुके हैं. हरीश चौधरी ने जयपुर में प्रेस वार्ता कर कहा था कि राजस्थान में ओबीसी वर्ग को 21 फीसदी आरक्षण मिला हुआ है, लेकिन भर्तियों को लेकर कार्मिक विभाग ने जो रोस्टर बनाया है वह सही नहीं है. पिछले सालों में हुई भर्तियों में ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय किया गया है.

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हरीश चौधरी ने कहा कि सिस्टम में बैठे लोग चाहते हैं कि सामान्य घरों के छात्र आंदोलन की राह पकड़े और उन पर मुकदमे दर्ज हो ताकि उन्हें भविष्य में सरकारी नौकरी नहीं मिल पाए, लेकिन अब समय बदल गया है. हम हमारा हक और अधिकार लेने के लिए नई परिस्थितियों के नए हथियार से आंदोलन करेंगे. इसी तरह चार दिन पहले PCC में जनसुनवाई के दौरान मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने कहा था कि सरकार में कई विभाग ऐसे हैं जहाँ सुनवाई नहीं होती. ख़ासतौर पर शांति धारीवाल का अलाईनमेंट ठीक नहीं है उसे हम जल्द ही ठीक कर लेंगे.

चुनाव से पहले कांग्रेस में अंतर्कलह

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि मिशन 223 की तैयारियों में जुटी कांग्रेस सरकार के लिए विपक्ष के साथ साथ उनकी अपने विधायक मंत्री भी बड़ी चुनौती बनते हुए नज़र आ रहे हैं. इन मंत्री विधायकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कोई दिक़्क़त परेशानी नहीं है, लेकिन असल में सरकार के मंत्रिमंडल के सदस्यों की कार्यशैली कार्यप्रणाली और विधायकों की अनदेखी से ये बेहद परेशान हैं तो माना जा सकता है कि पहले की तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इनसे संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं को दूर करने की दिशा में क़दम उठाएंगे बाक़ी राजस्थान कांग्रेस में सब कुछ ऑल इज़ वेल हो सके.

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