Contract Marriage : ना बैंड ना बारात और ना ही जज्बात, बिना किसी बात छोड़ सकते हैं हाथ
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Contract Marriage : ना बैंड ना बारात और ना ही जज्बात, बिना किसी बात छोड़ सकते हैं हाथ

हिंदू धर्म(Hindu) में विवाह(Marriage) एक पवित्र रिश्ता है. एक ऐसा रिश्ता जो सात जन्मों का माना जाता है. हालांकि हिंदू धर्म में भी तलाक होते हैं. लेकिन उसके लिए भी एक पूरी कानून प्रक्रिया होती है. लेकिन क्या आप कॉंट्रैक्ट यानि अनुबंध (Contract Marriage)पर होने वाली शादी के बारे में जानते हैं. जी हां एक मुस्लिम (Muslim)देश में शादी के नाम पर सिर्फ जरूरत के हिसाब से निकाह(Nikah)कर लिया जाता है और जरूरत पूरी होने पर उसे तोड़ दिया जाता है. आसतौर पर बेसहारा और मजबूरी लड़कियां ही ऐसा निकाह करती हैं.

Contract Marriage : ना बैंड ना बारात और ना ही जज्बात, बिना किसी बात छोड़ सकते हैं हाथ

Contract Marriage : इस्लाम में निकाह को चार प्रकार का बताया गया है. जिसमें से सबसे विचित्र तरीका है निकाह मुटाह या फिर अस्थायी विवाह. एक ऐसा देश जहां शादी से पहले फिजिकल रिलेशन रखना और औरतों पर तमाम तरह के प्रतिबंध हैं वहां इस तरीके से सालों से निकाह हो रहे हैं.

शिया मुसलमान ये निकाह चंद मिनटों से लेकर उम्र भर तक के लिये कर सकते हैं. निकाह के बाद तलाक होना आम बात है. तलाक के बाद औरत को कोई आर्थिक मदद तक नहीं मिलती है. 

 द गार्जियन वेबसाइट की एक रिपोर्ट बताती है कि कई तीर्थयात्री या अन्य यात्री जो लंबे वक्त से घर से बाहर है, वों इस तरह निकाह कर सकते हैं. इस तरह का निकाह बोलकर या फिर लिखित तौर पर किया जा सकता है.

ऐसा कहा जाता है कि यात्री अपनी पत्नी से दूर किसी दूसरे शहर जाते तो ऐसा अस्थायी विवाह कर लेते और फिजिकल रिलेशन बनाने के बाद तलाक देकर लौट आते थे.

हैरानी इस बात की है कि जिस देश में किसी भी तरह की adultery और prostitution की गुंजाइश नहीं हैं और ऐसा करने पर खुलेआम मौत का फरमान सुना दिया जाता है. उसी इरान में ये निकाह सालों से चल रहा है. 

मुहाट निकाह के लिए गरीब या जरूरतमंद औरतें जिनकों पैसों की जरूरत होती है. वो ही हामी भरती है. हालांकि निकाह के दौरान पति को महर यानी दहेज की रकम तय करनी पड़ती है. फिर वो इस निकाह को कभी भी तोड़ सकता है. 

इस तरह के अस्थायी निकाह के लिए 15 साल या उससे ज्यादा उम्र के मर्द और 13 साल या उससे बड़ी उम्र की लड़की या औरत अस्थायी निकाह कर सकती है. हालांकि कुंवारी लड़कियों को ये निकाह करने के लिए अपने पिता से पूछना होगा.

इस तरह की अस्थायी शादी के बाद ये जरूरी नहीं कि मर्द अपनी बीवी की आर्थिक रूप से मदद करें, जिस तरह वो स्थायी निकाह में करता है. यहां तक कि मर्द चाहे, कितनी भी बार अस्थायी निकाह कर सकता है.

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