Jaipur: जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार में गदर मचाने वाली फर्म पर कसा शिकंजा, मांगी रिपोर्ट, फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन का काम तेज
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Jaipur: जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार में गदर मचाने वाली फर्म पर कसा शिकंजा, मांगी रिपोर्ट, फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन का काम तेज

जेजेएम में गणपति और श्रीश्याम ट्यूबवेल फर्म ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से करोडों के टैंडर लेने वाली फर्म पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है.

Jaipur: जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार में गदर मचाने वाली फर्म पर कसा शिकंजा, मांगी रिपोर्ट, फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन का काम तेज

Rajasthan Jal Jeevan Mission corruption News: जेजेएम में गणपति और श्रीश्याम ट्यूबवेल फर्म ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से करोडों के टैंडर लेने वाली फर्म पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है. अब जल जीवन मिशन चीफ इंजीनियर आरके मीणा ने 3 रीजनों से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है.

जयपुर रीजन 2 की जा चुकी रिपोर्ट

जल जीवन मिशन में गदर मचाने वाली गणपति और श्रीश्याम ट्यूबवे फर्म पर शिकंजा कसा जा रहा है. जल जीवन मिशन के चीफ इंजीनियर आरके मीणा ने जयपुर रीजन फस्ट, जयपुर रीजन सैकंड और अलवर रीजन से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. चीफ इंजीनियर आरके मीणा का कहना है कि जयपुर रीजन 2 से रिपोर्ट दी जा चुकी है, लेकिन जयपुर रीजन 1 और अलवर से अब तक रिपोर्ट नहीं आई है.

जयपुर 2 ने ब्लैक लिस्टेड किया

जयपुर रीजन के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अजय सिंह राठौड ने फर्म के खिलाफ बजाज नगर थाने में शिकायत दी थी. इसके अलावा गणपति फर्म को ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है. वहीं फर्म के दो टैंडर 61 करोड और 35 करोड़ के टैंडर निरस्त किए जा चुके है.

अलवर, जयपुर 1 रीजन ने क्यों नहीं की कार्रवाई?

अभी तक जयपुर फस्ट और अलवर रीजन ने दोनों फर्मों के खिलाफ कार्रवाई कर चीफ इंजीनियर आरके मीणा को रिपोर्ट नहीं सौंपी. दोनों फर्मों के खिलाफ संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज करवानी थी. इसके अलावा फर्मों पर कार्रवाई कर जल जीवन मिशन चीफ इंजीनियर को रिपोर्ट सौंपनी थी. वहीं अलवर रीजन का भी यही हाल है, लेकिन अलवर में तो अतिरिक्त मुख्य अभियंता ही नहीं तो इस रीजन से कौन रिपोर्ट सौंपेगा?

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5 प्रमाण पत्र पाए थे फर्जी

जांच रिपोर्ट में 5 अनुभव प्रमाण पत्र दोनो फर्मों के फर्जी पाए गए थे. जिसके बाद दोनों ही फर्मों के प्रमाण पत्र रद्द कर दिए.हालांकि जयपुर रीजन 2 में कई ऐसे दोनो फर्मों के टैंडर है जो कोर्ट- कचहरी के कारण अभी तक रद्द नहीं हो पाए है. जल्द ही जलदाय विभाग दोनों फर्मों के बाकी टैंडरों में अनुभव प्रमाण पत्र की जांच करवाकर कार्रवाई तेज करेगा.

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