PHED में गड़बड़झाला,BSR फर्म की जांच के बीच पैमेंट,कार्यों पर रोक नहीं....नागौर XEN बोले-जो करना है करलो
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PHED में गड़बड़झाला,BSR फर्म की जांच के बीच पैमेंट,कार्यों पर रोक नहीं....नागौर XEN बोले-जो करना है करलो

Jaipur News:  जल जीवन मिशन में श्रीश्याम और गणपति ट्यूबवेल फर्म के फर्जी प्रमाण पत्र की जांच हुई तो जमकर हल्ला मचा.जिसके बाद फर्मों के कार्यों और पैमेंट पर रोक लगाई,

PHED में गड़बड़झाला,BSR फर्म की जांच के बीच पैमेंट,कार्यों पर रोक नहीं....नागौर XEN बोले-जो करना है करलो

Jaipur News: PHED में गड़बड़झाला थमने का नाम नहीं ले रहा.फर्जी रजिस्ट्रेशन के जांच के बीच BSR फर्म के कार्यों और पैमेंट पर रोक नहीं लगी.उल्टा BSR पर मेहरबानी दिखाते हुए फर्म का रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल कर दिया.इतना ही नहीं जिम्मेदार इंजीनियर सवालों पर उखड़ रहे है.

अलग-अलग फर्मों के लिए अलग अलग नियम-

जल जीवन मिशन में श्रीश्याम और गणपति ट्यूबवेल फर्म के फर्जी प्रमाण पत्र की जांच हुई तो जमकर हल्ला मचा.जिसके बाद फर्मों के कार्यों और पैमेंट पर रोक लगाई,लेकिन बीएसआर फर्म के फर्जी रजिस्ट्रेशन जैसी गंभीर जांच के बीच ना पैमेंट पर रोक लगाई और ना ही कार्यों पर.जबकि नागौर में बीएसआर फर्म 19 करोड़़ के टेंडर में ट्यूबवेल खोदने का काम कर रही है.

पैमेंट और कार्यों की रोक के बजाय चीफ इंजीनियर मुख्यालय राकेश लुहाडिया ने जांच के बीच बीएसआर फर्म का 2 साल के लिए रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल कर दिया.हालांकि जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा था कि गड़बड़झाला करने वाली फर्मों की गहनता से जांच होगी,लेकिन पैमेंट और कार्यों पर बिना रोक जलदाय विभाग में ये कैसी जांच हो रही.क्या अलग अलग फर्मों के लिए विभाग में अलग अलग नियम बना रखे है?

यहां लगाए निजी कंपनी पिनाकल के फर्जी प्रमाण पत्र

एनआईटी नंबर जिला            टेंडर राशि
06/2023-24 सीकर             20 करोड़
07/2023-24 झुंझुनू             20 करोड़

13/2023-24 बाडमेर             33.28 करोड़
26/2023-24 नागौर             19.24 करोड़

102/2012-22 बीकानेर             21 करोड़
16/2022-23 बीकानेर             26 करोड़

क्यों आग बबूला हो गए प्यारेलाल?

BSR फर्म ने ट्यूबवेल के लिए फर्जी प्रमाण पत्र लगाए.जिसमें से नागौर में 19 करोड़़ का टेंडर भी मिल गया.नागौर में टेंडर पर जब एक्सईएन प्यारे सिंह तंवर से BSR फर्म की रिपोर्ट पर सवाल पूछा तो वे आग बबूला हो गए.वे इतने उखड़े कि सवालों का जवाब देने की बजाय बोखला गये ये तक कह दिया कि जो करना वो कर लो.यानि बीएसआर फर्म की रिपोर्ट नहीं मिलेगी.

19 करोड़ के टेंडर में यही सवाल किया था कि QAP अप्रूव हुई,थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन हुआ? GI पाइप,मोटर पंप,समर सिबल के बल का इंस्पेक्शन हुआ?200 एमएम MS केसिंग पाइप का थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन हुआ? क्या थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के बिना BSR ने शुरू किया था काम? लेकिन वो तो पूरी तरह से उखड़ गए.इससे पहले विभाग में 45 दिन तक जांच की फाइल खिसकी नहीं थी,जी मीडिया ने खबर चलाई तब जाकर जल जीवन मिशन एमडी बचनेश कुमार अग्रवाल ने जांच की फाइल को आगे भेजा.नागौर एक्सईएन प्यारे सिंह तंवर गैर जिम्मेदार बयान देते हुए कहा कि BSR फर्म की रिपोर्ट होगी तो दे देंगे,नहीं होगी तो नहीं देंगे.

पहले दी जा चुकी फर्म को क्लीन चिट

यहां सवाल ये है कि प्यारे सिंह तंवर BSR फर्म के नाम से इतना आग बबूला क्यों हो गए,क्यों उन्होंने ये तक कह दिया कि जो करना है वो कर ले.ऐसे में क्या ये माना जाए कि BSR फर्म की जांच में जलदाय विभाग को जोर आ रहा है,क्या एक बार फिर से BSR फर्म को बचाने की कोशिश की जा रही.क्योंकि इससे पहले भी चीफ इंजीनियर आरके मीणा ने BSR को क्लीन चिट दी थी.

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