सावन माह 2022 का पंचक कब है, कितना हानिकारक है, क्या कहते हैं ज्योतिष
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सावन माह 2022 का पंचक कब है, कितना हानिकारक है, क्या कहते हैं ज्योतिष

प्रत्येक माह का पंचक अलग अलग होता है. ये पांच दिन किसी माह में शुभ कार्य वर्जित होता है तो किसी माह में किया जाता है. सबसे पहले जानते हैं श्रावण माह के पंचक. इस समय में विशेष सावधानियां बरतने की जरूरत है.

श्रावण माह के पंचक और उपाय.

Jaipur: हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में पांच दिन ऐसे आते हैं जिन्हें काफी अहम या विशेष माना जाता है. इस पांच विशेष दिन को पंचक कहा जाता है. गौर करने वाली बात है कि प्रत्येक माह का पंचक अलग अलग होता है. ये पांच दिन किसी माह में शुभ कार्य वर्जित होता है तो किसी माह में किया जाता है. सबसे पहले जानते हैं श्रावण माह के पंचक. ये पंचक कब से लग रहा है और कब समाप्त हो रहा है. इस समय में विशेष सावधानियां बरतने की जरूरत है.

सावन की शुरुआत 14 जुलाई 2022 को
भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना सावन की शुरुआत कल यानी 14 जुलाई 2022 से हो रही है. मान्यता है कि जो भक्त श्रावण मास में सच्चे मन और विधि-विधान से भोलेनाथ को पूजता है उसके सब मनोरथ पूर्ण होते हैं. लेकिन सावन में कुछ नियमों का ध्यान रखना भी बेहद आवश्यक माना गया है. आचार्य राहुल वशिष्ठ के अनुसार 16 जुलाई, शनिवार को सुबह 4:20 बजे से 20 जुलाई, बुधवार को दोपहर 12:50 बजे तक  पंचक रहेगा. हालांकि इससे पूजा-पाठ में कोई दिक्कत नहीं है. भगवान भोलेनाथ की पूजा पूरे सावन मास में भक्तों के लिए कल्याणकारी है.

श्रावण माह के पंचक
16 जुलाई, शनिवार को सुबह 4:20 बजे से 20 जुलाई, बुधवार को दोपहर 12:50 बजे तक  पंचक 

पंचक क्या है
नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहा जाता है. जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है, तब उस समय को पंचक कहते हैं. ज्योतिष में पंचक नक्षत्रों को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है. इसे अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार पांच नक्षत्रों के संयोग को पंचक कहा जाता है.

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पंचक के समय कौन कौन से कार्य वर्जित है -
1.पंचक के दौरान जिस समय घनिष्ठा नक्षत्र हो, उस समय घास, लकड़ी आदि ईंधन एकत्रित नही करना चाहिए, क्योंकि इससे अग्नि का भय रहता है.

2.पंचक के समय में शव का अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि पंचक में शव का अन्तिम संस्कार करने से उस परिवार में ओर पांच मृत्यु हो सकती है.

3. पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा ना करें, क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई है. इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की यात्रा करना अशुभ माना गया है.

4. पंचक के दौरान, विशेषकर जब रेवती नक्षत्र चल रहा हो, उस समय घर की छत नहीं बनवानी चाहिए, ऐसा शास्त्रों में कहा गया है कि पंचक के समय घर की छत डलवाने से धन हानि और घर में क्लेश होता है.

5. पंचक के समय में चारपाई बनवाना अशुभ माना जाता है. इस समय में पलंग, फर्नीचर आदि की खरीदी ना करें. शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से कोई बड़ी दुर्घटना हो सकता है.

(डिस्क्लेमर: राशिफल ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है. इसमें बताए गए तथ्यों की ज़ी राजस्थान पुष्टि नहीं करता है)

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