नगर निगम ग्रेटर ने लॉन्च किया स्वच्छता ऐप, कचरा उठा या नहीं इस APP पर कर सकेंगे शिकायत
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नगर निगम ग्रेटर ने लॉन्च किया स्वच्छता ऐप, कचरा उठा या नहीं इस APP पर कर सकेंगे शिकायत

Launched Cleanliness App: जयपुर नगर निगम ग्रेटर एरिया के लोगों को अब डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की शिकायत के लिए किसी पार्षद या कॉल सेंटर पर फोन करके करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब नगर निगम की ओर से जारी किए एप पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेंगे.

कचरा कलेक्शन की शिकायत अब एप पर.

Municipal Corporation Greater Launched Cleanliness App: नगर निगम ग्रेटर में मुरलीपुरा और मालवीय नगर जोन में यदि आपके घर कचरा संग्रहण करने हूपर नहीं आया तो आप सीधे एप के माध्यम से शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. आपको किसी कॉल सेंटर या आपके पार्षद के नंबर पर कॉल करने की जरूरत नहीं होगी. रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम के लिए आज नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय में एप की लांचिंग की गई.

कचरा कलेक्शन की शिकायत अब एप पर 

जयपुर नगर निगम ग्रेटर एरिया के लोगों को अब डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की शिकायत के लिए किसी पार्षद या कॉल सेंटर पर फोन करके करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस तरह की परेशानी होने पर लोग अब नगर निगम की ओर से जारी किए एप पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेंगे. इसके लिए मालवीय नगर और मुरलीपुरा जोन एरिया के लोगों के लिए मोबाइल एप लांच किया है. इस एप में आप अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते है और शिकायत का निस्तारण हुआ या नहीं इसका स्टेट्स भी देख सकते है.

जनवरी से यूजर चार्ज भी वसूली 

इस नए सिस्टम के शुरू होने के साथ ही संभावना जताई जा रही है कि जनवरी माह से यहां के लोगों से यूजर चार्ज भी वसूल करना शुरू किया जा सकता है. मेयर सौम्या गुर्जर, विधायक कालीचरण सराफ और कमिश्नर महेन्द्र सोनी ने आज इस एप की लांचिंग की है. गुर्जर ने बताया की कचरा संग्रहण का काम कर रहीं कंपनी को एप पर दर्ज शिकायत का 24 घंटे में समाधान करना होगा. यदि 24 घंटे में समाधान नहीं होता है तो पेनल्टी का प्रावधान रखा गया हैं. इतना ही नहीं यदि किसी घर से कचरा संग्रहण के लिए गाडी नहीं गई तो प्रतिदिन के हिसाब से प्रतिघर 5 रूपए की पेनल्टी का भी प्रावधान रखा गया हैं.

इस तरह करें शिकायत

- गूगल प्ले स्टोर पर जाकर Malviyanagar Jaipur SWM या Murlipura Jaipur SWM के नाम से एप सर्च करेंगे

- एप मिलने के बाद उसे डाउनलोड करके उसे रन करने के लिए अपने घर पर लगे RFID कार्ड का नंबर उसमें डालेंगे।

- उसके बाद चैक D2D गारबेज कलेक्शन पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेंगे या दर्ज शिकायत का स्टेट्स देख सकेंगे

- अगर किसी व्यक्ति को एप पर शिकायत करने में कोई समस्या आती है तो वह कंपनी के नंबर 8447905965 पर कॉल करके भी दर्ज करवा सकेंगे

नगर निगम ने रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) कार्ड लगाए

नगर निगम ग्रेटर आयुक्त महेन्द्र सोनी ने बताया की जयपुर नगर निगम ग्रेटर में इस एप की सुविधा अभी केवल दो जोन मालवीय नगर और मुरलीपुरा में बने घरों के लिए शुरू की है. इन दोनों जोन एरिया में करीब 1.80 लाख घर है, जिनके बाहर नगर निगम ने रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) कार्ड लगाए है. इन कार्ड को लगाने का काम पिछले 3 महीने से ज्यादा से चल रहा है और दिसंबर अंत तक इन दोनों जोन एरिया में लगभग सभी घरों में ये लगा दिए जाएंगे. वहीं विधायक कालीचरण सराफ ने बताया की अभी तक लोगों को शिकायत के लिए कॉल सेंटर पर फोन करना पड़ता था.लेकिन अब ऐसा नहीं होगा आप अपने मोबाइल से ही शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.

कंपनी को 110 रुपए प्रति हाउस होल्ड का भुगतान किया जा रहा

निगम के अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में इन दोनों जोन एरिया में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का काम कर रही कंपनी को 110 रुपए प्रति हाउस होल्ड का भुगतान किया जा रहा है. इस हिसाब से इन पर निगम हर महीने 1.62 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है. यूजर चार्ज वसूला जाएगा तो प्लान के मुताबिक निगम को 1.73 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिलेगा यानी हर घर से औसतन 100 रुपए. जबकि कॉमर्शियल बिल्डिंग से 250 रुपए महीना चार्ज वसूला जाएगा.

अलग-अलग स्लैब के अनुसार शुल्क निर्धारित

हाउस होल्ड का अलग-अलग स्लैब के अनुसार शुल्क निर्धारित है, जो 20 रुपए से 150 रुपए है. इसमें 50 गज से छोटे मकान से 20 रुपए, 50 से 150 गज के मकान के 80 और 150 गज से बड़े मकान के 150 रुपए वसूल किए जाएंगे। इस तरह हर घर का औसतन करीब 100 रुपए शुल्क लगेगा.

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डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए नई व्यवस्था शुरू 

बहरहाल, नगर निगम ग्रेटर क्षेत्र में सात जोन में से पांच जोन में तो डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए नई व्यवस्था शुरू हो गई हैं. लेकिन पांच जोनों में आज भी हूपर के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ता हैं. कारण है की बीवीजी कंपनी को हटाने के बाद पांच जोनों में कचरा संग्रहण के लिए बार-बार टेंडर निकालने के बाद कोई कंपनी रूचि नहीं दिखा रही हैं. निगम प्रशासन को उम्मीद है इस बार टेंडर फिर निकाले गए हैं जिसमें कंपनी आगे आएंगी और पांच जोनों में भी व्यवस्था मजबूत की जाएगी.

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