Rajasthan : JJM घोटाले में मिले डिजिटल डिवाइस की जांच शुरू, बड़े पैमाने पर ईडी करेगी बड़ा खुलासा
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Rajasthan : JJM घोटाले में मिले डिजिटल डिवाइस की जांच शुरू, बड़े पैमाने पर ईडी करेगी बड़ा खुलासा

Rajasthan News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जल जीवन मिशन घोटाले में की गई कार्रवाई में मिले डिजिटल डिवाइस की जांच करना शुरू कर दिया हैं. जिसके बाद ईडी ने बड़े खुलासे करने की तरफ इशारा किया है.

 Rajasthan : JJM घोटाले में मिले डिजिटल डिवाइस की जांच शुरू, बड़े पैमाने पर ईडी करेगी बड़ा खुलासा

 Rajasthan News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जल जीवन मिशन मामले में पैसों की बंदर बांट को लेकर जब्त डिजिटल डिवाइस की जांच करना शुरू कर दिया हैं.  ईडी की स्पेशल विंग जयपुर कार्यालय में एफएसएल के अधिकारियों की मौजूदगी में जांच को अंजाम दे  रही हैं.

ईडी  ले रही एफएसएल (FSL) यूनिट की मदद 
मिली जानकारी में सामने आया है कि 1 सितम्बर को ईडी ने जयपुर,अलवर,नीमराणा,बहरोड़ और शाहपुरा में जिन ठेकेदार,व्यापारी,प्रोपर्टी कारोबारी,पीएचईडी के अधिकारियों के यहां छापेमारी की कार्रवाई की थी. उस सर्च के दौरान ईडी को नगदी के अलावा कई डिजिटल डिवाइस मिले, जिन्हें सील कर ईडी कार्यालय लाया गया था. जिस में कई हार्ड डिस्क,आई फोन,लैपटॉप,पेन ड्राइव,फ्लॉपी,रिकॉर्डिंग मशीन मौजूद हैं. इन डिजिटल उपकरणों को सावधानी से खोलने के लिए एफएसएल (FSL) यूनिट की भी ईडी मदद ले रही हैं.

पीएचईडी के अधिकारियों को दी रिश्वत
ईडी ने इस बारे में मीडिया से जल जीवन मिशन में की गई छापेमारी को लेकर जानकारी की . जिसमें  बताया कि जल जीवन मिशन को लेकर हुई बंदरबांट पर एसीबी राजस्थान की टीम ने कार्रवाई की. एसीबी की  दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की गई, जिससे पता चला कि पदमचंद जैन जो मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी का मालिक है, महेश मित्तल जो मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी का मालिक है, इन लोगों ने पीएचईडी के अधिकारियों को बड़ी मात्रा में रिश्वत दी हैं.

कैसे हुई धांधली
बता दें कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) से इन लोगों के जरिए अवैध रूप से टैंडर प्राप्त किए गए. यही नहीं बिल पास कराने और उनके कामों के संबंध में कमी ना निकलाने के लिए ये ठेकेदार जलदाय विभाग के अधिकारियों को पैसा दिया करते थे. ठेकेदारों ने टैंडर का काम पूरा करने के लिए हरियाणा से चोरी किए गए पाइपों को भी खरीदा. पदम जैन ने पीएचईडी से टैंडर लेने के लिए इरकॉन से फर्जी सर्टिफिकेट बनाया, जिसे के आधार पर उसने कई टैंडर लिए. 

बड़े पैमाने पर किए  लेनदेन का खुलासा
ईडी को सर्च के दौरान 2.32 करोड़ रुपए नगद,1 किलो सोने की छड़ मिली. जिसकी बाजार कीमत 64 लाख रुपए और डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क, मोबाइल आदि सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त हुए. यह दस्तावेज पीएचईडी अधिकारियों की मिलीभगत से इन ठेकेदारों द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए लेनदेन का खुलासा करते हैं.ईडी की जलजीवन मिशन में हुए घोटाले को लेकर जांच जारी हैं.

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