शशि थरूर ने अपनी हिंदी-अंग्रेजी मिश्रित भाषा में प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला किया.
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जयपुर: कांग्रेस सांसद व लेखक शशि थरूर का कहना है कि आगामी आम बजट मोदी सरकार का अंतिम बजट होगा. थरूर ने अपनी हिंदी-अंग्रेजी मिश्रित भाषा में प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला किया. हाल ही में रिलीज हुई अपनी किताब 'व्हाई आई एम हिंदू' में थरूर ने हिंदुत्व विचारधारा की तीखी आलोचना की है. वह जी जयुपर साहित्य महोत्सव (जी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल) में हिस्सा लेने यहां पहुंचे थे. उन्होंने अपनी किताब 'एन एरा ऑफ डार्कनेस' पर यहां एक सत्र को संबोधित किया. इसके बाद उन्होंने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया और मीडिया के सवालों का जवाब दिया.
आगामी बजट मोदी सरकार का अंतिम बजट होने वाला है
तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा, "यह मोदी सरकार का अंतिम बजट होने वाला है और इस बजट में कुछ निराशाजनक कदम उठाने की बात हो सकती है, मसलन रोजगार का जिक्र किया जा सकता है." उन्होंने कहा, "उन्होंने जो वादे किए है उनपर अवश्य कायम रहना चाहिए. इसलिए ध्यान खींचने के लिए वे रोजगार को लेकर कुछ कर सकते हैं." थरूर ने मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा, "जिसने कहा कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा वो आज पकौड़े की बात करने लगे हैं. वो नही समझते कि लोग चाय और पकौड़े इसलिए बेच रहे हैं क्योंकि नौकरियां नहीं हैं."
थरूर ने कहा, राहुल ने अपना काम कर दिखाया है
राहुल के बारे में सवाल करने पर थरूर ने कहा, "हमें अवश्य उनको इस पार्टी की मर्यादा की समीक्षा करने का समय देना चाहिए." उन्होंने कहा, "राहुल गांधी अनिच्छुक राजनेता नहीं हैं. हमने उनको गुजरात में देखा. वह हमेशा यात्रा करते रहे और अपना काम कर दिखाया है."
ZEE JLF 2018: जानें, संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने पर क्या कहा शशि थरूर ने
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के खिलाफ अपने रुख का बचाव करते हुए रविवार (28 जनवरी) को कहा कि इस पहल से उन नेताओं को कोई फायदा नहीं होगा जो हिंदी नहीं बोल सकते. संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और थरूर के बीच इस महीने की शुरुआत में लोकसभा में बहस हुई थी. सुषमा ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए सरकार सभी खर्च उठाने के लिए तैयार है जिस पर थरूर ने इसके उद्देश्य को लेकर सवाल उठाए थे.
हिंदी केवल भारत की आधिकारिक भाषा है
थरूर ने कहा था कि भारत को इस तरह का कोई प्रयास नहीं करना चाहिए क्योंकि हिंदी केवल भारत की आधिकारिक भाषा है न कि राष्ट्रीय भाषा. जयपुर साहित्य उत्सव में उन्होंने कहा, ‘‘मैं लोकसभा में सुषमा स्वराज को जवाब दे रहा था कि संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए जरूरत पड़ने पर भारत 400 करोड़ रुपये तक खर्च करने के लिए तैयार है... मैं स्पष्ट करना चाह रहा था कि इस पहल से भारतीय नेताओं को दिक्कत होगी.’’
(इनपुट एजेंसी से भी)