जालोर में लंपी स्किन की चपेट में गौवंश, संक्रमण के डर से भागे गोशालाकर्मी, एक दिन में 25-30 मौत
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जालोर में लंपी स्किन की चपेट में गौवंश, संक्रमण के डर से भागे गोशालाकर्मी, एक दिन में 25-30 मौत

 150 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है. वहीं, संक्रमण फैलने के बाद यहां काम करने वाले 24 लोग भी काम छोड़कर चले गए हैं.

जालोर में लंपी स्किन की चपेट में गौवंश, संक्रमण के डर से भागे गोशालाकर्मी, एक दिन में 25-30 मौत

Sanchore : राजस्थान में तेजी से फैल रही संक्रामक बीमारी लंपी स्किन गौवंश पर  कहर ढा रही है.  गौशालाओं में इस बीमारी से संक्रमित गाय ज्यादा देखने को मिल रही है. जिससे पशुपालकों और गौवंश संचालकों की नींद उड़ गयी है. हर दिन गौवंश की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. परेशानी की बात ये है कि इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं है.

राजस्थान के जालोर ज़िले के सांचौर के पथमेड़ा की गोदाम आनंद वन में 6 गौशालाओं में खतरनाक लंपी वायरस फैल गया है. यहां पिछले 10 दिनों में लंपी स्किन बीमारी से 330 गायों की मौत हो चुकी है, जबकि 1440 गायों में संक्रमण फैला हुआ है. इसकी चपेट में आई गायों के शरीर पर फोड़े (फफोले) हो चुके हैं. 

वहीं, पड़ोसी राज्य गुजरात में बीते कुछ दिन में 1000 से ज्यादा गौवंश की मौत हुई है. इसी गौशाला से संचालित पालड़ी गांव में स्थित श्री ठाकुर गौ सेवाश्रम गोशाला में करीब 750 से ज्यादा गौवंश रोग की चपेट में आया है. इसमें 150 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है. वहीं, संक्रमण फैलने के बाद यहां काम करने वाले 24 लोग भी काम छोड़कर चले गए हैं.

आसपास के क्षेत्र से प्रतिदिन इस गौशाला में लंपी स्किन बीमारी से ग्रसित 20 से अधिक गौवंशों को लाया जा रहा है. इस गौशाला में 100 से अधिक गांव के युवा गायों को सेवा में लगे हुए हैं. इस बीमारी से ग्रसित गायों को अलग रखकर उनका इलाज किया जा रहा है. वहीं, गौशाला में स्थानीय लोगों  मजबूरी में धूप, नीम के पत्तों के रस से गायों का देशी उपचार भी कर रहे हैं.

सोशल मीडिया के माध्यम से सहयोग की गौशाला संचालकों ने की अपील
ठाकुर गौसेवा आश्रम में वर्तमान में 5 हजार से ज्यादा गौवंश है. इसमें से 700 गाय लंपी स्किन बीमारी की चपेट में आ गई है. जिसके बाद गायों की मौतें होनी शुरू हुई है. सोशल मीडिया के माध्यम से सहयोग की अपील की गई है. गायों के मौत की खबर के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. पथमेड़ा गौशाला के विट्ठल कृष्ण महाराज का कहना है कि शुरू में तो प्रतिदिन चार से पांच गायों की मौत हो रही थी, लेकिन पिछले चार दिनों से रोजाना 25 से 30 गायों की मौत हो रही है. उन्होंने राज्य सरकार से इस बीमारी में गौवंश के लिए सहायता राशि के साथ दवाई देने की मांग की है.

इस रोग के फैलते ही जिला प्रशासन की सूचना पर सांचौर उपखंड अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने गोलासन ,पालड़ी ,आमली ,हिंदीवडा स्थित गौशाला का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया पशु पालन विभाग के डॉक्टरों की टीम इलाज में जुटी हुई है. पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी डॉक्टर रामा भाई पटेल ने बताया कि क्षेत्र में लंपी स्किन बीमारी से करीब 1500 से ज्यादा गौवंश चपेट में है. इसको लेकर पशुपालन विभाग के डॉक्टरों की टीम लगाकर इलाज कर रही है. लेकिन इसका अभी कोई टीका नहीं है. 

बीमारी के ये है लक्षण
इस रोग में जानवरों में बुखार आना, आंखों -नाक से स्राव, मुंह से लार निकलना, पूरे शरीर में गांठों जैसे नरम छाले पड़ना, दूध उत्पादन में कमी आना जैसे लक्षण दिखते हैं. इसके अलावा इस रोग में शरीर पर गांठें बन जाती हैं. गर्दन और सिर के पास इस तरह के नोड्यूल ज्यादा दिखाई देते हैं.

गौशालाओं में मौत के आंकड़े
इस बीमारी से अभी तक ज़िले के गौशाला गोधाम पथमेड़ा संक्रमित 120, मौत 15
नंदीशाला गोलासन संक्रमित 300, मौत 60
श्री ठाकुर गोसेवाश्रम पालड़ी संक्रमित 600, मौत 140
श्री गोकुल गोधाम हिंडवाड़ा संक्रमित 40, मौत 10
श्री वशिष्ठ गोसेवाश्रम आमली संक्रमित 300, मौत 100
श्री मनोरमा गोलोकतीर्थ नंदगांव संक्रमित 85, मौत 5 

रिपोर्टर- डूंगर सिंह

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