बिलाड़ा: कॉलेज लेक्चरर में चयनित होने पर बार्ड समाज में खुशी, मिठाइयां बांट कर दी बधाइयां
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बिलाड़ा: कॉलेज लेक्चरर में चयनित होने पर बार्ड समाज में खुशी, मिठाइयां बांट कर दी बधाइयां

गांवों में बालिकाए उच्च माध्यमिक तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद विधालय छोड़ दे देती हैं, गांवों में शिक्षा की कमी के चलते परिजन भी अपने बच्चियों को आगे नहीं पढ़ाते है और लड़किया घर की चारदीवारी में कैद हो जाती है.

मिठाइयां बांट कर दी बधाइयां

Bilara: क्षेत्र के कुंपडा वास गांव निवासी सुमित्रा देवल पुत्री रणजीत सिंह देवल के भौतिक विज्ञान में कॉलेज लेक्चरर में चयन होने कूपडावास के चारण समाज में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. सुमित्रा देवल ने प्रथम प्रयास में भौतिक विज्ञान से कॉलेज लेक्चरर बनी है,  छोटे गांव से लेक्चरर बनने पर गांव में खुशी की लहर है, गांववाले शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी होकर नाम कमाने वाले सुमित्रा देवल को बधाई दे रहे हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चियों के लिए शिक्षा क्षेत्र में प्रेरणा मिलेगी, सुमित्रा देवल ने बताया कि गांवों में शिक्षा का स्तर बहुत ही नीचा है और स्कूलो में सुविधाएं नही मिल रही है. 

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गांवों में बालिकाए उच्च माध्यमिक तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद विधालय छोड़ दे देती हैं, गांवों में शिक्षा की कमी के चलते परिजन भी अपने बच्चियों को आगे नहीं पढ़ाते है और लड़किया घर की चारदीवारी में कैद हो जाती है, अनेक प्रतिभावान छात्राओं की बीच में ही पढ़ाई पर विराम लग जाता है, आज समय बदल गया है और पुरुषों के मुकाबले से अब महिलाए कम नहीं है, आज महिलाए आकाश मे प्लेन उड़ा रही है, खेलकूद, शिक्षा सहित विभिन्न संगठनों में महिलाए पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है, आज महिलाए बहुत आगे बढ़ रही है आज भारत की राष्ट्रपति पद पर महिला हैं, गांवों में सुविधाएं मिले तो ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में प्रतिभावान छात्राओं को आगे बढ़ाने के लिए रास्ता मिल जाए, गांव में शिक्षा के स्तर की सुविधाएं नहीं मिलने से अनेक बालिकाओं इसमें ही पढ़ाई छूट जाती हैं गांव में अनेक प्रतिभाएं है पर उनको सही गाइडलाइंस नहीं मिलने से पढ़ाई को ही छोड़ना पड़ता है.

गांव से शहर में जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस कारण बच्चियां आगे नहीं पढ़ पाती है, सुमित्रा के पिता रणजीत सिंह एक शिक्षक है और माता ग्रहणी है. वहीं भाई इंजीनियर है सुमित्रा ने अपने सफलता का श्रेय बड़े पिता सेवानिवृत्त व्याख्याता सुभाष देवल को दिया है सुमित्रा ने बताया कि उनको पढ़ने की प्रेरणा शुरू से ही उनके बड़े पिताजी ने दी और सुमित्रा देवल के दादा अर्जुन सिंह देवल पूर्व विकास अधिकारी रहे थे सुमित्रा के चाचा जयदेव देवल राज्य सहकारी अधिकारी है कुकड़ा वास चारण समाज से सुमित्रा प्रथम महिला है जो कॉलेज व्याख्याता बनी है. 

इसके चयन होने पर गांव में खुशी की लहर है और लोगों ने एक दूसरे को मुंह मीठा कर बधाई दी. सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश कवर चारण ने बताया कि सुमित्रा का गांव में सोमवार साय स्वागत अभिनंदन किया गया. इस दौरान पूर्व प्रधानाचार्य लक्ष्मीकांत देओल, सुजान सिंह देवल सुधांशु देवल हर्ष देवल सहित अनेकों जनों ने बधाई दी और खुशी जताई सुमित्रा देवल ने गांव का नाम रोशन किया है. सुमित्रा ने बताया कि वह कॉलेज लेक्चरर बनके समाज में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा शिक्षित करने का कार्य करेगी और महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन कर कार्य करेगी और बालिका शिक्षा के उत्थान के कार्य करेगी.

Reporter: Arun Harsh

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