Kota: देश के श्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में कोटा मेडिकल कॉलेज शामिल, जीनोम सीक्वेंसिंग की मिली सौगात
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Kota: देश के श्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में कोटा मेडिकल कॉलेज शामिल, जीनोम सीक्वेंसिंग की मिली सौगात

कोटा संभाग के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान मेडिकल कॉलेज को लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से मेडिकल कॉलेज को अब जीनोम सीक्वेंसिंग तकनीक की सौगात दी है.स्पीकर बिरला ने कहा कि कोटा संभाग, आसपास के जिलों और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों से बड़ी संख्या में रोगी कोटा में उपचार के लिए आते हैं. 

कोटा मेडिकल कॉलेज को जीनोम सीक्वेंसिंग की मिली सौगात

Kota: कोटा संभाग के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान मेडिकल कॉलेज की चिकित्सकीय सुविधाओं में बड़ा इजाफा हुआ है. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से मेडिकल कॉलेज को अब जीनोम सीक्वेंसिंग तकनीक की सौगात मिल गई. स्पीकर ओम बिरला ने संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में जीन सीक्वेंसिंग यूनिट का लोकार्पण किया. जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन की मदद से अब स्थानीय स्तर पर ही गंभीर वायरस व उनके म्यूटेशन की सटीक जानकारी मिल सकेगी. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर से भी संवाद किया.

स्पीकर बिरला ने कहा कि कोटा संभाग, आसपास के जिलों और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों से बड़ी संख्या में रोगी कोटा में उपचार के लिए आते हैं. हमारे चिकित्सा संस्थानों को आत्म निर्भर बनाना हमारा लक्ष्य है. मेडिकल कॉलेज में देश और दुनिया में अपनाए जाने वाली हर लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और इक्यूपमेंट से लैस किया जाएगा, जिससे मेडिकल कॉलेज की गिनती देश के श्रेष्ठतम चिकित्सा संस्थानों में हो. कोटा मेडिकल कॉलेज में शीघ्र ही बीएसएल 3 प्लस लैब स्थापित होने के बाद इबोला, निपाह जैसे वायरस की पहचान भी स्थानीय स्तर पर हो सकेगी.

 हर वैरियंट की मिलेगी जानकारी

जीनोम सीक्वेंसिंग सुविधा के बाद से कोरोना सहित हर गंभीर प्रकार के वायरस के वैरिएंट का पता कोटा में ही लगाया जा सकेगा. पहले सैम्पल कोटा से दिल्ली जयपुर व पुणे भेजे जाते थे, लेकिन जीन सीक्वेंसिंग यूनिट की स्थापना के उपरांत अब जांच के नमूने कहीं बाहर भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी. कोटा में स्थापित यूनिट एनआईवी पुणे व देश अन्य प्रमुख केंद्रों से भी जुड़कर कार्य करेगी.

 कॉटेज वार्ड प्रस्ताव भेजे

स्पीकर बिरला ने कहा कि उपचार के लिए दूर-दराज से मेडिकल कॉलेज आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को बेहतर व्यवस्था उपलब्ध करवाने के लिए कॉटेज वार्ड बनाने की दिशा में काम हो. स्पीकर बिरला ने इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन को 100 बेड का कॉटेज वार्ड का प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा. वर्तमान में कॉटेज वार्ड के लिए विधायक कोष से 1.50 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज रिसर्च का बड़ा केंद्र बने इसके लिए आधुनिक रिसर्च सेंटर की संभावनाओं पर कार्य किया जाए.

कोटा ने पेश की सेवा की मिसाल

स्पीकर ओम बिरला ने कोरोना महामारी के दौरान मेडिकल कॉलेज में कार्यरत चिकित्सक, नर्सिंग कर्मी व सफाई कर्मियों के समर्पण की सराहना की. उन्होंने कहा कि शहर के अलावा गांव-ढाणियों में अंतिम व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचे, इसके लिए हॉस्पिटल ऑन व्हील्स सेवा संचालित की जा रही है. भविष्य़ में लीवर व कैंसर की जांच के लिए भी मेडिकल वैन सुविधा शुरू की जाएगी. हमारी कोशिश है कि हम कोटा को पूरे देश में चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में एक मॉडल शहर के रूप में पहचान दिलवाएं.

रैफरल केस की घटी संख्या

विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि जीनोम सीक्वेंसिंग और बीएसल लैब की स्थापना के बाद मेडिकल कॉलेज देश में रिचर्स का बड़ा सेंटर बनकर उभरेगा. स्पीकर ओम बिरला के प्रयासों से मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब के माध्यम से ह्रदय रोगियों को स्थानीय स्तर पर उपचार मिल पा रहा है. रैफरल केसों की संख्या में कमी आई है. मेरा मत है कि जल्द ही कोटा मेडिकल कॉलेज चिकित्सा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा.

एम्स से बेहतर हुई रैकिंग

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से मेडिकल कॉलेज में लगातार चिकित्सकीय सुविधाओं में बढ़ोतरी हो रही है. जिनोम सीक्वेंसिग यूनिट कोटा के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मील का पत्थर साबित होगी. इस तकनीक से वायरस के वैरियंट की पहचान के साथ रिचर्स में भी बड़ी मदद मिलेगी. स्पीकर ओम बिरला के प्रयासों से जीन सीक्वेंसिंग यूनिट का सपना पूरा हुआ है. यही वजह है कि चिकित्सकीय सुविधाओं के लिहाज से आज कोटा मेडिकल कॉलेज की रैंकिंग एम्स जोधपुर जैसे बड़े संस्थानों से बेहतर हुई है.

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