कोटा: रामगंजमंडी डूबक्षेत्र में आए मंदिरों का ग्रामीण कर रहे विस्थापना, प्रशासन से मदद की उम्मीद
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कोटा: रामगंजमंडी डूबक्षेत्र में आए मंदिरों का ग्रामीण कर रहे विस्थापना, प्रशासन से मदद की उम्मीद

Kota: कोटा रामगंजमंडी डूबक्षेत्र में आए मंदिरों का ग्रामीण कर रहे विस्थापना.डूब क्षेत्रों से देव प्रतिमाओं को निकालकर दूसरी जगह स्थापना की जा रही है,लोगों प्रशासन से मदद की उम्मीद है.

 

कोटा: रामगंजमंडी डूबक्षेत्र में आए मंदिरों का ग्रामीण कर रहे विस्थापना, प्रशासन से मदद की उम्मीद

Kota: कोटा जिले की रामगंजमंडी उपखंड की सबसे महत्वपूर्ण परियोजना तांकली बांध परियोजना इस वर्ष शुरू हो जाएंगी.मानसून सत्र के शुरू होने पर डैम में जलभराव होने लगा है, ऐसे में डूब क्षेत्र में आने वाले मंदिरों को ग्रामीण खुद विस्थापना कर रहे हैं.मंगलवार को सोनपुरा व सोहन खेड़ा गांव के ग्रामीणों ने गाजे बांजे के साथ पुराणिक मंदिर से देव प्रतिमाओं को रथ यात्रा निकाल कर डूब क्षेत्र विस्थापित कॉलोनी में स्थापित किया.

 ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और सरकार ने देव प्रतिमाओं का अपमान करने के लिए डूब क्षेत्र में छोड़ दिया जिससे आने वाले समय मे वो डेम के पानी मे डूब जाती और देव स्थानों का अस्तित्व ही खत्म हो जाता वही ग्रामवासियों का कहना है कि तांकली डूब क्षेत्र से दूर ग्रामीणों के लिए विस्थापना कॉलोनीयां बनाई गई. लेकिन प्रशासन ने देव प्रतिमाओं के लिए भूमि आवंटित नहीं की.

 ऐसे में देव प्रतिमाएं डूब क्षेत्र से आने से जलमग्न हो जाएंगी.ग्रामीणों ने यह तक कहा कि डूब क्षेत्र में आने वाले 7 गांवों में कही आस्था के केंद्र देव प्रतिमाएं विराजमान है. लेकिन प्रशासन ने देव प्रतिमाओं को सुरक्षित स्थान पर रखने की व्यवस्था नहीं की.

जबकि तांकली सिंचाई विभाग अधिकारियों ने दावा किया है की 7 डूब क्षेत्र के गांवो के पुनर्वास के लिए बनाई गई 3 कॉलोनियों में देव स्थान की जगह छोड़ी गई है.मंदिर का स्टेकचर बनाकर निर्माण कार्य चल रहा है,अन्य मंदिरों की जगह हमे याद नहीं है.

Reporter-  KK Sharma 

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