उरी फिल्म देखकर सेना में जाने का देखा था सपना, फ्लाइंग ऑफिसर बनकर किया 'लक्ष्य' पूरा
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उरी फिल्म देखकर सेना में जाने का देखा था सपना, फ्लाइंग ऑफिसर बनकर किया 'लक्ष्य' पूरा

कहावत है पूत के पांव पालने में ही दिख जाते है. ऐसा ही कुछ नजारा राजसमंद जिले के सरदारगढ़ गांव के लक्ष्य जोशी के बारे में कहा जा रहा है. लक्ष्य के भारतीय वायु सेना में  फ्लाइंग ऑफिसर बनने पर पूरा गांव में खुशी से झूम उठा है. बता दें कि, लक्ष्य जोशी नेसाल 2019 में उरी फिल्म देखी थी,

उरी फिल्म देखकर सेना में जाने का देखा था सपना, फ्लाइंग ऑफिसर बनकर किया 'लक्ष्य' पूरा

Rajsamand: कहावत है पूत के पांव पालने में ही दिख जाते है. ऐसा ही कुछ नजारा राजसमंद जिले के सरदारगढ़ गांव के लक्ष्य जोशी के बारे में कहा जा रहा है. लक्ष्य के भारतीय वायु सेना में  फ्लाइंग ऑफिसर बनने पर पूरा गांव में खुशी से झूम उठा है. बता दें कि, लक्ष्य जोशी नेसाल 2019 में उरी फिल्म देखी थी, उसके बाद लक्ष्य में सेना में जाने का जूनून पैदा हुआ. इसके बाद लक्ष्य ने अपने सपनों को पंख देने के लिए  कड़ी मेहनत की जिसका परिणाम उनका एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में चयन होना रहा.

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बता दें कि जिस साल लक्ष्य ने उरी फिल्म देखी थी उस दौरान वह  बीटेक की पढ़ाई के साथ जॉब भी कर रहा था.  24 साल की उम्र में अपना सपना पूरा कर अपने टारगेट को हासिल कर लक्ष्य काफी खुश है. उसकी इस सफलता पर उनके दादा श्यामलाल जोशी, पिता ललित कुमार जोशी, माता सुनिता शर्मा, मामा निरज जोशी एवं छोटे भाई विनय जोशी भी बेहद खुश  है.

बेटे की इस सफलता पर पिता ललित कुमार जोशी ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए  बताया कि, बेटे का एयर फोर्स कॉमन ईन्ट्रेस टेस्ट एडमिशन टेस्ट के तहत दिसम्बर 2020 में भारतीय वायु सेना में फलाईट केडेट ब्रांच फ्लाइंग ‘पायलट’ के पद पर चयन हुआ था. इसके बाद एयर फॉर्स एकेडमी डूंडीगल हेदराबाद में डेढ़ साल की ग्राउण्ड व फ्लाइंग ट्रेनिंग पूरी करने पर 18 जून को भारतीय वायु सेना मे वो फलाइंग ऑफिसर कमीशनड हुए.
Reporter: Devendra Sharma

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