जन्माष्टमी के दिन श्रीनाथजी मंदिर में होंगे विशेष इंतजाम, 21 तोपों की दी जाएगी सलामी
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जन्माष्टमी के दिन श्रीनाथजी मंदिर में होंगे विशेष इंतजाम, 21 तोपों की दी जाएगी सलामी

विश्व प्रसिद्ध श्रीनाथजी मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था प्रकट करने के लिए यहां पर आते हैं. भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से पहले मंदिर में रात पौने 12 बजे तक विशाल जागरण का आयोजन किया जाता है.

 जन्माष्टमी के दिन श्रीनाथजी मंदिर में होंगे विशेष इंतजाम, 21 तोपों की दी जाएगी सलामी

Nathdwara: राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटूश्यामजी मंदिर में हुई भगदड़ के बाद राजसमंद जिले का विश्व प्रसिद्ध श्रीनाथजी मंदिर की व्यवस्थाओं में बदलाव किया गया है. मंदिर प्रशासन का दावा है कि भीड़ को नियंत्रित करने और हादसों से निपटने के लिए वह पूरी तरह तैयार है. राजसमंद कलेक्टर नीलाभ सक्सेना और एसपी सुधीर चौधरी के निर्देशन पर सुरक्षा व्यवस्था के खास इंतजाम किए गए है जिससे किसी भी श्रद्धालु को कोई परेशानी ना हो.

बता दें कि राजसमंद जिले के विश्व प्रसिद्ध श्रीनाथजी मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था प्रकट करने के लिए यहां पर आते हैं. भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से पहले मंदिर में रात पौने 12 बजे तक विशाल जागरण का आयोजन किया जाता है और 12 बजते ही 21 तोपों की सलामी दी जाती है. जिससे पता चलता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ है. इसके अगले दिन भी खुशी के साथ और पूरे आनंद के साथ नंदोत्सव मनाया जाता है. मंदिर में दही दूध के साथ होली खेली जाती है.

इस बार मंदिर में दर्शनार्थियों के प्रवेश के लिए 4 गेट बनाए गए हैं, जबकि निकास के लिए दो प्रमुख द्वार से व्यवस्था की जाती है. आम दिनों की तरह बात की जाए तो मंदिर में प्रतिदिन करीब 5 हजार श्रद्धालु दर्शन करते हैं, जबकि शनिवार, रविवार और अन्य किसी छुट्टी के दिन दर्शनार्थियों का आंकड़ा करीब 15 से 20 हजार तक पहुंच जाता है. भगवान श्रीनाथजी मंदिर में जन्माष्टमी, दीपावली महोत्सव, गणगोर, होली, सावन मास, जैसे त्योहारों पर मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं जबकि साल के 365 दिनों में से करीब 150 दिन मंदिर में विशेष मनोरथ होते हैं.

त्योहारी सीजन में मंदिर में दर्शनार्थियों का आंकड़ा रोजाना 50 हजार को पार कर जाता है. मंदिर में सुरक्षा के लिए श्रीनाथ गार्ड की नियुक्ति की गई है,जिनकी संख्या लगातार घटती जा रही है. वर्तमान में मंदिर में तीस गार्ड है, जो सुरक्षा के साथ ही बैंड वादन का भी जिम्मा संभालते हैं.मंदिर में सुरक्षा के लिए एक सिक्योरिटी एजेंसी को ठेका दिया गया है. एजेंसी के 85 जवान मंदिर में सुरक्षा गार्ड के रूप में सेवाएं दे रहे हैं. इनमें 20 महिलाएं भी शामिल हैं.

Reporter-Devendra Sharma

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