उदयपुर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के दौरान तीन गुणा अधिक फीस वसूली मामले में घिरा PIMS प्रबंधन, SDM प्रतिभा वर्मा ने सौंपी रिपोर्ट
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उदयपुर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के दौरान तीन गुणा अधिक फीस वसूली मामले में घिरा PIMS प्रबंधन, SDM प्रतिभा वर्मा ने सौंपी रिपोर्ट

Udaipur News: पीआईएमएस में फीस के नाम पर हो रही चौथ वसुली के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं, तो वहीं प्रबंधन पर बच्चों पर जबरन दबाव डालने और उनसे प्रवेश प्रक्रिया को छिपाने की बात भी सामने आई है.

उदयपुर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के दौरान तीन गुणा अधिक फीस वसूली मामले में घिरा PIMS प्रबंधन, SDM प्रतिभा वर्मा ने सौंपी रिपोर्ट

Udaipur News: राजस्थान के उदयपुर के उमरडा स्थित पेसिफिक इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज प्रबंधन पर पीजी एडमिशन में दो से तीन गुणा फिस वसुलने के आरोप लगने के मामले में जांच कमेटी में शामिल रही गिर्वा एसडीएम प्रतिभा वर्मा ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. एसडीएम वर्मा की जांच रिपोर्ट में पीआईएमएस में फीस के नाम पर हो रही चौथ वसुली के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं, तो वहीं प्रबंधन पर बच्चों पर जबरन दबाव डालने और उनसे प्रवेश प्रक्रिया को छिपाने की बात भी सामने आई है.

उदयपुर में मेडिकल छात्रों से कॉलेज में एडमिशन के दौरान दो से तीन गुणा अधिक फीस वसूलने के आरोपी में गिरे उमरडा स्थित पीआईएमएस प्रबंधन की मुश्किले लगातार बढती जा रही है. छह सदस्यीय जांच कमेटी मे उदयपुर कलक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल के प्रतिनिधि के रूप में मौजुद रही गिर्वा एसडीएम प्रतिभा वर्मा ने हेल्ड एज्यूकेशन डिपार्टमेंट को अपनी रिपोर्ट सौप दी है.

जिसमें पीआईएमएस में प्रवेश लेने आए छात्रों की ओर से लगाए गए आरोपो को लेकर के महत्वपूर्ण सबूत शामिल है. एसडीएम वर्मा ने बताया कि कमेटी जांच में सामने आया कि पीआईएमएस प्रबंधन ने कुछ छात्रों से बैंक गारंटी और एफडीआर के नाम पर 25 लाख से 2 करोड़ रूपये तक की राशि फीस के अतिरिक्त मांगी थी.

यही नहीं प्रबंधन ने छात्रों से प्रवेश संबंधि प्रक्रिया को भी छिपाया था. साथ ही इस संबंध में काई भी जानकारी छात्रों को नहीं दी गई और उन्हें गुमराह करते रहे, तो वहीं छात्रों पर अन्य कई तहर का दबाव भी बनाया गया.

एसडीएम वर्मा ने बताया कि इन तमाम आरोपों को लेकर पीआईएमएस के चेयरमैन आशिष अग्रवाल, एडमिशन इंचार्ज और एकाउंट डिपार्टमेंट से जुडे लोगों से भी पूछताछ की गई. हालांकि इस दौरान उन्होने अपने उपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, लेकिन वे इस बात का जवाब नहीं दे पाए की आखिर कुछ छात्रों से किस आधार पर बैंक गारंटी और एफडीआर के रूप में अतिरिक्त राशि की मांग की गई थी.

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दरअसल पीआईएमएस प्रबंधन पर वहा प्रवेश लेने आए छात्रों ने सरकार की ओर से निर्धारित फिस के अलाव अतिरिक्त राशि की वसुली की थी। शिकायत मिलने पर जयपुर से हेल्थ एज्यूकेशन डिपार्टमेंंट से एक विशेष टीम उदयपुर पहुंची. जयपुर से आए अधिकारियों के साथ, एसडीएस गिर्वा और आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ विपिन माथुर सहित छह सदस्यों की टीम बनाई गई.

टीम के सामने 13 छात्रों ने लिखित में अपनी शिकायत दर्ज करवाई. जिनके बयान दर्ज किए गए. हालांकि इस दौरान पीआईएमएस प्रबंधन ने वहां उपस्थित छात्रों की निर्धारित फीस लेकर उन्हे प्रवेश देने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. बावजुद इसके कुछ छात्रों ने टीम से भविष्य में प्रबंधन द्धारा उन्हे परेशान करने की आशंका जाहिर की. इस पर टीम के सदस्यों ने प्रबंधन को छात्रों को अकारण परेशान नहीं करने के लिए पाबंद किया।

एसडीएम वर्मा की जांच रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों पर हमने पीआईएमएस प्रबंधन से भी उनका पक्ष लेना चाह लेकिन प्रबंधन का काई भी जिम्मेदार केमरे के सामने अपना पक्ष रखने के लिए तैयार नहीं हुआ. जांच रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों के अलावा भी ऐसे ओर भी कई सवाल है. जिनके जवाब अभी भी मिलने बाकी है.

1. पीआईएमएस प्रबंधन क्या हर साल करता है छात्रों से अतिरिक्त फिस की चौथ वसुली
2. पीआईएमएस प्रबंधन क्या हर साल छात्रों को प्रवेश प्रक्रिया को लेकर करता है गुमराह और छिपाए जाते है उनसे प्रवेश प्रकिया से जुडे तमाम तथ्य

3. क्या पीआईएमएस छात्रों को दबावा में रख कर करवाता है डॉक्टर की पढाई
4. अगर इन आरोपों में सच्चाई है तो आखिर किस माहौल में छात्र करते होगें पढाई

बहरआल इन तमाम सवालों के बीच पीएआईएमएस पर लगे गंभीर आरोपों को लेकर गिर्वा एसडीएम प्रतिभा वर्मा ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या हेल्थ एज्यूकेशन डिपार्टमेंट इस मामले में काई ठोस कार्रवाई कर पीआईएमएस प्रबंधन के साथ अन्य मेडिकल कॉलेज संस्थानों को भी कड़ा संदेश दे पाता है या नहीं. जिससे आने वाले समय में छात्रों से फीस के नाम पर होने वाली चौथ वसुली के खेल पर पूर्ण रूप से विराम लगाया जा सकें.

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