Udaipur में सगे भतीजों ने चाचा के साथ खेली खून की होली, घर में भगा-भगाकर मारी तलवार
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Udaipur में सगे भतीजों ने चाचा के साथ खेली खून की होली, घर में भगा-भगाकर मारी तलवार

उदयपुर जिले के खेरवाडा थाना क्षेत्र के बंजारिया निचला फला गांव में दो भतीजों ने अपनी चाचा के साथ खून की ऐसी होली खेली, जिसने मानवीय संवेदनाओं को तार तार कर दिया. बंशीलाल के भतीजों के सिर पर खून सवार था और वे अपने चाचा को जान से ही मारने की योजना बना कर आए थे. 

Udaipur में सगे भतीजों ने चाचा के साथ खेली खून की होली, घर में भगा-भगाकर मारी तलवार

Udaipur News: होली के समय राजस्थान के उदयपुर में ऐसी घटना घटी, जिसे जानकर आपकी रूह कांप जाएगी. यहां हुए हत्याकांड ने न केवल मानवीय रिश्तों की संवेदनाओं को तार-तार किया ​बल्कि होली के पवित्र त्योहार को भी खून से रंग दिया. 

उदयपुर के आदिवासी अंचल खेरवाड़ा कस्बे के बंजारिया निचला फला गांव में दो भतीजों ने मिल कर तलवार से हमला कर अपने चाचा की निर्मम हत्या कर दी और मौके से फरार हो गए. होली के त्योहार पर गांव में हुई इस हत्या खांड से सनसनी फैल गई. 

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सता मार्च को होली के पर्व के दिन जब चारों तरफ होली के रंग उड़ रहे थे. होली की मस्ती में हर कोई डूबा हुआ था. इसी दौरान उदयपुर जिले के खेरवाडा थाना क्षेत्र के बंजारिया निचला फला गांव में दो भतीजों ने अपनी चाचा के साथ खून की ऐसी होली खेली, जिसने मानवीय संवेदनाओं को तार तार कर दिया. दरअसल, सात मार्च की दोपहर को विकाश मीणा और जयशे मीणा अपने चाचा बंशीलाल डामोर के घर पहुंचे, जहां विकास ने अपने चाचा बंशीलाल से पीने के बीड़ी मांगी. जब वह बीड़ी पी रहा था तो उसने पुराने विवाद को लेकर अपने चाचा के साथ गाली-गलौच करना शुरू कर दिया. 

जान बचाने के लिए भागा चाचा
कुछ ही देर में विकास ने चाचा के साथ मारपीट शुरू की दी और उसकी गला दबाने लगा. तभी उसके भाई जयेश ने तलवार से चाचा बंशीलाल पर हमला कर दिया. जिससे उसके हाथ की कलाई कट की जमीन पर गिर गई. अपने उपर अचानक हुए इस हमले से बचने के लिए बंशीलाल घर के अंदर भागने लगा लेकिन मानों बंशीलाल के भतीजों के सिर पर खून सवार था और वे अपने चाचा को जान से ही मारने की योजना बना कर आए थे. जयेश ने घर के अंदर जा रहे चाचा के सिर पर फिर तलवार से हमला किया. जिससे वह नीचे गिर पडा. इसके बाद जयेश ने एक के बाद एक तलवार के कई वार अपने चाचा के सिर पर किए, जिससे बंशीलाल का सिर पूरी तरह से बिखर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. भतीजे जब अपने चाचा को मौत के घाट उतार रहे थे तो बंशीलाल का 14 साल का बेटा राहुल उसका छोटा भाई अश्विन, बहनें बिंदू और अर्चना भी वहीं पर मौजूद थी लेकिन ये मासूम अपने भाइयों का विरोध नहीं कर पाए और असहाय हो कर अपनी पिता की मौत का नजारा देखने को मजबूर थे. इस दौरान वे बस चिल्लाते रहे लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं था. 

मौके से हो गए फरार
हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी मौक से फरार हो गए. घटना की सूचना मिलने पर खेरवाडा थानाधिकारी सबीर खान मय जाब्ता मौके पर पहुंचे. पुलिस ने घटना स्थल का मौका मुआयना किया और शव को स्थानिय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया. पुलिस ने आवश्यक कार्यवाही कर शव का पोस्टमार्टम करवाया और शव परिजनों को सौप दिया. वहीं, परिजनों के रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया. आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें आस-पास के जंगलों में दबिश दे रही थी. तभी मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि चाचा की हत्या के आरोपी भतीजे बंजारिया ओर कण्डाल के जंगलों में छिपे हुए हैं और वहा से मौका देख कर भागने की फिराक में है. 

आरोपियों को न्यायालय में पेश किया
इस पर पुलिस के टीमें मौके पर पहुंची और दोनों ही आरोपियों को दबोच लिया. पुलिस ने पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. वहीं, आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या के लिए इस्तेमाल हुई तलवार को भी जब्त कर लिया. पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया.

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