CM योगी ने किया ऐलान लोकभवन में लगेगी अटल जी की 21 मीटर ऊंची प्रतिमा
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CM योगी ने किया ऐलान लोकभवन में लगेगी अटल जी की 21 मीटर ऊंची प्रतिमा

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी को अनेक पदों पर रहते हुए जो सम्मान प्राप्त हुआ वह अद्भुत है. वह लम्बे समय तक लोकतंत्र के सजग प्रहरी के रूप में काम करते रहे जो प्रत्येक जनप्रतिनिधि के लिए अनुकरणीय है.

अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तर प्रदेश से अटूट संबंध रहा. (फाइल फोटो)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित लोकभवन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 21 मीटर ऊंची प्रतिमा लगेगी. यह ऐलान राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज (25 दिसंबर) वाजपेयी की 94वीं जयंती के मौके पर आयोजित 'महानायक अटल' विषयक परिचर्चा में किया.

उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तर प्रदेश से अटूट संबंध था. सार्वजनिक जीवन की शुरूआत उन्होंने उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद से की तथा पांच बार लखनऊ से सांसद रहे.' योगी ने कहा, 'अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन के आधार थे. पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं श्यामा प्रसाद मुखर्जी से उन्होंने राजनीति के गुर सीखे तथा राजनीति में विश्वास के प्रतीक बने.' मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी को अनेक पदों पर रहते हुए जो सम्मान प्राप्त हुआ वह अद्भुत है. वह लम्बे समय तक लोकतंत्र के सजग प्रहरी के रूप में काम करते रहे जो प्रत्येक जनप्रतिनिधि के लिए अनुकरणीय है.

उन्होंने बताया कि अटल जी की स्मृति में कई योजनाओं का शुभारम्भ किया गया है. राज्यपाल राम नाईक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सुखद संयोग है कि ईसाई धर्म के पूज्य प्रभु ईसा मसीह, महामना मदन मोहन मालवीय तथा अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मतिथि एक ही है.

उन्होंने कहा, 'मैं ऐसे सभी महान व्यक्तियों को अपनी ओर से तथा प्रदेश की जनता की ओर से नमन करता हूं.' नाईक ने कहा कि वाजपेयी राजनीति के महानायक तथा देश के सर्वमान्य नेता थे . दल के लोग उनकी प्रशंसा करें तो स्वाभाविक है पर अटल जी की स्तुति विपक्षी दल के नेता भी करते हैं.

उन्होंने कहा कि अटल जी में सबको साथ लेकर चलने की विशेषता थी तथा उन्होंने देश को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया. नाईक ने कहा कि अटल जी विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. अटल जी के साथ संगठन और सरकार में काम करने का अवसर मिला. उन्होंने बताया कि जब अटल जी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तो वह मुंबई भाजपा के अध्यक्ष थे. 1980 में मुंबई में आयोजित पहले पार्टी अधिवेशन में न्यायमूर्ति छागला ने अपने संबोधन में कहा था कि मैं मिनी इण्डिया देख रहा हूं और मेरे दाहिने हाथ पर देश के भावी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बैठे हैं.' आगे जाकर न्यायमूर्ति छागला की भविष्यवाणी सही साबित हुई और अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने.

राज्यपाल ने कहा कि अटल जी कार्यकर्ताओं से बड़ी आत्मीयता और स्नेह से मिलते थे. नाईक ने बताया कि 1994 में जब उन्हें कैंसर हुआ तब वह लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक थे. उन्होंने त्यागपत्र देने की बात कही तो अटल जी ने कहा कि 'त्यागपत्र मैं अपने पास रखता हूँ पर आप जल्दी ही वापस आने वाले हैं.' उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में शहीदों के परिजनों को पेट्रोल पम्प और गैस एजेन्सी देने के प्रस्ताव को अटल जी ने सहजता से स्वीकार किया. अटल जी के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके रास्ते पर चलने की आवश्यकता है.

केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अटल जी भारत के विलक्षण व्यक्ति थे. सार्वजनिक जीवन में रहते हुए व्यवहार, आचरण और कार्यशैली अटल जी से सीखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अटल जी की नाराजगी भी स्नेहिल होती थी. कूटनीति के मैदान के साथ-साथ युद्ध के मैदान में भी उन्होनें विजय प्राप्त की. अटल जी के सान्निध्य में जाने पर दलों के बंधन भी टूट जाते थे.

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि अटल प्रिय और अप्रिय से सर्वथा मुक्त व्यक्तित्व के मालिक थे . अपने हास्य और विनोद के माध्यम से माहौल बनाना उनकी कुशलता थी. अटल जी की डांट में भी प्रेम होता था. परिचर्चा से पूर्व नाईक, राजनाथ सिंह, योगी, दीक्षित, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, राज्य मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों, महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने लोक भवन के प्रांगण में लगे स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. 

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