अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में संपत्ति लिपिक ने कब्जाई विभाग की 30 करोड़ से अधिक की संपत्ति.. एडीए वीसी की जांच में हुआ खुलासा, एफआईआर दर्ज
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अभिषेक माथुर/अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में एक संपत्ति लिपिक द्वारा करोड़ों रूपये की सरकारी संपत्ति को कब्जाने का मामला सामने आया है. यहां बाबू ने एडीए की बेशकीमती और पॉश कालौनी की जमीनों का अपने व अपने रिश्तेदारों के नाम पर बैनामा कर लिया है. इसका खुलासा एडीए वीसी अर्पूवा दुबे द्वारा कराई गई जांच में हुआ है. संपत्ति लिपिक और उसके पांच रिश्तेदारों के खिलाफ शहर के क्वार्सी थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई है और विभाग द्वारा बाबू के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
जानकारी के अनुसार अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में तैनात संपत्ति लिपिक सतीश कुमार ने अभी हाल ही में छह महीने पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है. जबकि कार्यकाल पूरा होने में करीब दो साल का समय बाकी था. उधर, एडीए में नई वीसी अर्पूवा दुबे ने पांच माह पहले ही यहां का चार्ज ग्रहण किया था. चार्ज लेने के बाद उन्होंने अलीगढ़ विकास प्राधिकरण की संपत्तियों का सत्यापन कराया जा रहा है.
क्या कहती है एजीए विभाग की उपाध्याक्ष
पूरे मामले को देखकर एडीए वीसी अर्पूवा दुबे ने बताया कि सत्यापन के बाद सभी रिक्त संपत्तियों को चिन्हित कर नीलाम किया जाएगा. इससे न सिर्फ विभाग की आय में बढ़ोत्तरी होगी, बल्कि शहर के विकास में भी तेजी आएगी. वीसी अर्पूवा दुबे ने बताया कि सत्यापन के दौरान सामने आया है कि यहां संपत्ति लिपिक पद से रिटायर हुए सतीश कुमार के द्वारा पद पर रहते हुए विभाग की करीब 14 संपत्तियों पर अवैध तरीके से कब्जा कर फर्जी बैनामा किया गया है. जब इसकी जांच उन्होंने वर्तमान संपत्ति लिपिक सुमित कुमार से कराई तो जांच में सामने आया कि सतीश कुमार द्वारा विभाग की बेशकीमती संपत्तियों को कब्जाया गया है. सतीश कुमार ने अपने भाई रामेश्वर दयाल और अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ विभाग की संपत्तियों के कूटरचित तरीके से बैनामे भी कर दिये हैं. पूरा प्रकरण सामने आने के बाद वीसी द्वारा संपत्ति लिपिक के खिलाफ वर्तमान संपत्ति बाबू सुमित कुमार के द्वारा थाना क्वार्सी में एफआईआर दर्ज करा दी गई. साथ ही एफआईआर में पूर्व संपत्ति लिपिक के पांच रिश्तेदारों को भी नामजद किया गया है.
एडीए वीसी अर्पूवा दुबे ने बताया कि पूर्व संपत्ति लिपिक सतीश कुमार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है. साथ ही बैनामों को निरस्तीकरण करने के लिए भी कार्यवाही की जा रही है. आपको बता दें कि पूर्व संपत्ति लिपिक सतीश कुमार के द्वारा कब्जाई गई करीब 14 संपत्तियों की कीमत 30 करोड़ रूपये से ज्यादा की आंकी गई है.