कासगंज हिंसा में चंदन गुप्ता की मौत मामले में डीएम आरपी सिंह ने सोमवार को शुरुआती जांच के आधार पर बड़ा खुलासा किया है. डीएम आरपी सिंह ने कहा कि छत से गोली चलने की वजह से चंदन की मौत हुई है.
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शोभित चतुर्वेदी, आगरा: कासगंज हिंसा में चंदन गुप्ता की मौत मामले में डीएम आरपी सिंह ने सोमवार को शुरुआती जांच के आधार पर बड़ा खुलासा किया है. डीएम आरपी सिंह ने कहा कि छत से गोली चलने की वजह से चंदन की मौत हुई है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा जांच रिपोर्ट आने के बाद ही निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है. पत्रकारों से बातचीत के दौरान यूपी के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर आनंद कुमार ने बताया कि कासगंज में हुऐ बवाल और उपद्रव मामले में नामजद आरोपी मोहसिन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने अबतक 113 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
डीएम ने बताया कि चंदन गुप्ता की संकल्प संस्था से जुड़े थे. घटना वाले दिन संकल्प संस्था के करीब 70-80 युवा बाइक पर तिरंगा लगाकर नारे लगाते हुए शहर में परिक्रमा कर रहे थे. वडुनगर मोहल्ले में जब वे पहुंचे तो वहां पहले से जाति विशेष के लोग इकट्ठे थे. वे लोग ध्वजारोहण के बाद भाषण दे रहे थे. रास्ते को लेकर इनमें आपस में वाद-विवाद हुआ. हालांकि इस बात का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं है, जिससे पता चल सके कि विवाद की वजह क्या है.
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चंदन के पिता ने डीएम पर भड़के
सोमवार को मृतक चंदन के घर पर डीएम आरपी सिंह सहित अन्य आला अधिकारी पहुंचे थे. डीएम ने जब चंदन के पिता को 20 लाख रुपए का चेक देने की कोशिश की तो वे भड़क गए. उन्होंने अफसरों को फटकारने के अंदाज में खरी-खरी सुना दी. अधिकारियों ने करीब आधे घंटे तक मृतक के पिता को समझाया, जिसके बाद वे चेक लेने को तैयार हुए.
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कासगंज के SP हटाए गए
कासगंज हिंसा के मामले में सरकार ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक को हटा दिया. सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि कासगंज के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह को हटा दिया गया है. उनके स्थान पर पीयूष श्रीवास्तव को पुलिस कप्तान बनाया गया है.
'कलंक' और शर्म की बात है कासगंज में हुई हिंसा : राज्यपाल
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने गणतंत्र दिवस पर कासगंज में दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प को 'कलंक' और शर्मनाक करार देते हुए आज कहा कि मामले में सरकार को और गहराई से जांच करनी चाहिए. राज्यपाल ने यहां कहा, ‘कासगंज में जो भी हुआ, वह किसी को शोभा नहीं देता है. किसने शुरुआत की और किसने बाद में जवाब दिया, यह बात तो जांच में बाहर आयेगी, लेकिन निश्चित तौर पर कासगंज में जो भी घटनाएं हुईं वे उत्तर प्रदेश के लिये कलंक हैं. सरकार इसकी जांच कर रही है और इसमें कड़ा से कड़ा रुख अपनाया जाना चाहिए.’
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उन्होंने कहा, ‘ऐसे लोग जो माहौल को खराब करते हैं, उनकी जितनी निंदा की जाए कम है. मैं चाहता हूं कि सरकार और तफसील में जाकर जांच करे. पिछले आठ नौ-माह के दौरान प्रदेश में ऐसी कोई विशेष घटना नहीं हुई थी. यह (कासगंज की घटना) हम सब के लिये शर्म की बात है. मैं आशा करता हूं कि ऐसे कदम उठाये जाएंगे कि उत्तर प्रदेश में फिर कभी ऐसे दंगे नहीं हों.’
मालूम हो कि गणतंत्र दिवस पर कासगंज शहर में कथित रूप से आपत्तिजनक नारों को लेकर दो समुदायों के बीच पथराव और गोलीबारी में एक युवक की मौत हो गयी थी तथा कुछ अन्य घायल हो गये थे. घटना के बाद से शहर में रह-रहकर हिंसक वारदात हुईं. मामले में अब तक 112 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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इस बीच, कासगंज शहर में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. हालांकि अधिकतर बाजार अब भी बंद हैं, लेकिन सड़कों पर लोगों का आवागमन शुरू हो चुका है. बहरहाल, जिला प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को एहतियातन आज रात 10 बजे तक बंद रखा है. पुलिस, पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स की टुकड़ियां शहर में लगातार गश्त कर रही हैं. शहर की सीमाएं अब भी सील हैं.