यूपी में 'यादवों की पार्टी' का ठप्‍पा मिटाएगी सपा, अखि‍लेश यादव ने की ये तैयारी
Advertisement

यूपी में 'यादवों की पार्टी' का ठप्‍पा मिटाएगी सपा, अखि‍लेश यादव ने की ये तैयारी

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सोच उन जातियों को दोबारा पार्टी से जोड़ने की है, जो 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ चले गये थे.

यूपी में एसपी-बीएसपी की महागठबंधन के बाद बीजेपी के लिए पिछड़ा वर्ग की भूमिका और भी अहम हो गई है. file photo

लखनऊ, विनोद मिश्रा : यूपी में बीजेपी से निपटने के लिए समाजवादी पार्टी यादवों की पार्टी होने ठप्पा हटाने की कोशिश में लग गई है. समाजवादी पार्टी 18 दिसंबर को लखनऊ में अति पिछड़ी जातियों की बैठक कर रही है. इस बैठक में यूपी के सभी जिलों के पिछड़ी जाति के वरिष्ठ नेता होंगे. अखिलेश यादव इस बैठक में ये बताएंगे कि समाजवादी पार्टी सिर्फ यादवों की पार्टी नहीं है. पार्टी में अति पिछड़ों को भी बराबर का हक और सम्मान मिलेगा. बैठक में शामिल नेताओं की जिम्मेदारी भी तय होगी. हर नेता को अपने-अपने इलाकों में जनसंपर्क अभियान चलाकर अपने लोगों को पार्टी से जोड़ेंगे. यानी ये नेता ‘अपनों’ को सपा की नीतियों और कार्यों के बारें में बताएंगे कि सपा ही ‘अपना’ ध्यान रखती है, इसलिए मतदान के समय ‘अपनापन’ दिखाना होगा.

दरअसल, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सोच उन जातियों को दोबारा पार्टी से जोड़ने की है, जो 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ चले गये थे. लिहाजा समाजवादी पार्टी गैर-यादव पिछड़ो में कुर्मी, सैनी, मौर्या, कुशवाहा, निषाद, कश्यप, प्रजापति, राजभर, लोध और विश्वकर्मा समेत एक दर्जन से अधिक नेताओं को गोलबंद करने में जुट गई है. लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की पूरी कोशिश इन जातियों के नेताओं को अपने साथ लाने की होगी.

राफेल डील: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले अरुण जेटली, झूठ की उम्र बहुत कम होती है

समाजावादी पार्टी का दावा है कि बीजेपी ने यूपी में जातियें को बांटने का काम किया है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनिल साजन का कहना है कि बीजेपी ने पिछड़ों के साथ बड़ा धोखा किया. पिछड़ों का वोट लेकर सरकार बनाई और मुख्यमंत्री अगड़ा बना दिया. इस सरकार में पिछड़ो का उत्पीड़न हो रहा है. इसीलिए समाजवादी पार्टी पिछड़ो की हक की लड़ाई लड़ेगी.

इससे पहले बीजेपी भी यूपी में सामाजिक प्रतिनिधि बैठक के तहत जातीय सम्मेलन कर चुकी है. पिछड़ो को साधने के लिए बीजेपी ने लखनऊ में पिछड़ा वर्ग मोर्चे के तहत कई सम्मेलन किये थे. इन सम्मेलनों में बीजेपी ने पिछड़ा वर्ग की जातियों और उप-जातियों के अलग-अलग-कार्यक्रम कर उनके बीच पार्टी के जनाधार बढ़ाने का छेड़ा है. समाजवादी पार्टी के इस बैठक पर सवाल उठाते हुए बीजेपी के प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी कहते है कि अखिलेश यादव के 5 साल की सरकार में सभी जातियों के साथ धोखा हुआ. इनके अपने लोग और कुनबे ने बाकी जातियों के हक छीनने का काम किया, लिहाजा इउस बैठक का कोई मतलब नही बनता.

अखिलेश यादव बोले, 'योगी के सीएम होने से UP में हो रहा है एसपी को फायदा'

यूपी में एसपी-बीएसपी की महागठबंधन के बाद बीजेपी के लिए पिछड़ा वर्ग की भूमिका और भी अहम हो गई है. 2019 में नजरें इस बात पर रहेगी कि पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग लोकसभा चुनाव में किसके साथ जाता है, लेकिन इतना जरुर तय है कि लोकसभा चुनाव के बाद देश की राजनीति का ऊंट करवट बैठता है इसमें पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की भूमिका हमेशा की तरह अहम रहने वाली है.

Trending news