Assembly Elections 2018: अखिलेश यादव बोले, 'झूठे वादों और नफरत की सियासत की हुई हार'
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Assembly Elections 2018: अखिलेश यादव बोले, 'झूठे वादों और नफरत की सियासत की हुई हार'

सपा अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी ने इन चुनावों में समाज को तोड़ने और नफरत फैलाने में ही अपनी सारी ताकत लगा दी थी. उसने जनता के बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिशें की थी.

(फोटो साभार- @yadavakhilesh)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव परिणामों से साफ हो गया है कि जनता बीजेपी के झूठे वादों और जाति-संप्रदाय की राजनीति से ऊब चुकी है और अब उनके बहकावे में नहीं आने वाली.

अखिलेश ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद यहां एक बयान में कहा कि इन राज्यों में जनता की एकजुटता ने ही बीजेपी को सत्ता से बेदखल किया हैं. सपा अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी ने इन चुनावों में समाज को तोड़ने और नफरत फैलाने में ही अपनी सारी ताकत लगा दी थी. उसने जनता के बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिशें कीं. बीजेपी सत्ता के अंहकार में इतनी डूबी थी कि उसने किसानों, गरीबों, नौजवानों की आकांक्षाओं को ही कुचलना शुरू कर दिया.

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इन चुनावों में जनता ने राज्य के सत्ता प्रतिष्ठानों के साथ केन्द्र और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ भी नाराजगी जताई है. इन चुनाव नतीजों का असर निश्चित रूप से अगले साल के लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा. सपा बीजेपी की जनविरोधी, विकास विरोधी एवं साम्प्रदायिक राजनीति को उत्तर प्रदेश में करारी शिकस्त देगी.

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता का सेमीफाइनल कहे जा रहे 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी. कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बीजेपी से राजस्थान, छत्तीसगढ़ छीन लिया और मध्यप्रदेश में भी सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई है. मिजोरम में 40 में से 40 सीटों के नतीजे आ चुके हैं. मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा में 26 सीटें जीतकर मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने एक दशक बाद सत्ता में वापसी की है. इसके साथ ही कांग्रेस पूर्वोत्तर में अपना अंतिम गढ़ भी हार गई. 

तेलंगाना में सत्ताधारी टीआरएस ने दो तिहाई बहुमत हासिल किया है. पार्टी ने 88 सीटों पर जीत हासिल की है. देश के इस सबसे युवा राज्य में टीआरएस दूसरी बार सरकार बनाएगी. यहां कांग्रेस के खाते में 19 सीटें आईं हैं और यहां भी बीजेपी को महज 1 सीट से संतोष करना पड़ा. टीआरएस का समर्थन करने वाली असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने 7 सीटें जीती हैं. टीआरएस अध्यक्ष और कार्यवाहक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने चुनावों में अपनी पार्टी का प्रभावशाली तरीके से नेतृत्व किया और खुद गजवेल सीट पर 57,321 मतों के अंतर से चुनाव जीता. 

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