Ayodhya News: उत्तर प्रदेश की रामनगरी में एक अनोखे तरीके से इको फ्रेंडली रोड़ बनने जा रही है. इसके लिए मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के तहत बजट भी स्वीकृत हो गया है. पढ़िए पूरी खबर...
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Ayodhya News: प्लास्टिक के कचरे से बायो फ्यूल बनाने की अवधारणा तो हमने सुनी है. लेकिन विदेशों की तरह अब उत्तर प्रदेश में भी प्लास्टिक के कचरे से इको-फ्रेंडली सड़क का निर्माण भी किया जाएगा. मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट शहरी योजना के तहत पहले चरण में अयोध्या नगर निगम के 5 सड़कों का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए रुड़की के सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने न ही सिर्फ ट्रेनिंग दी है बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए बजट भी स्वीकृत कर दिया है. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो इससे न सिर्फ प्लास्टिक के कचरे से छुटकारा मिलेगा बल्कि इसका बेहतर उपयोग भी किया जा सकेगा.
17 नगर निगमों में होगा प्रयोग
उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगमों में प्लास्टिक के कचरे से सड़क निर्माण का प्रयोग शुरू होगा. मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट शहरी (सीएम-ग्रिड) योजना के तहत यह निर्माण कार्य किए जाएंगे. आपको बता दें कि सड़क निर्माण के लिए गिट्टी और तारकोल का उपयोग होता है. अब तारकोल में 10 फीसदी प्लास्टिक के कचरे से बने पेस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा.
10 मीटर से चौडी होगी सड़क
इसके अलावा सीजीबीएम यानी सीमेंट ग्राउटेड बिटुमिनस मैकडैम तकनीक का भी इस्तेमाल होगा. इस तकनीक के माध्यम से बरसात के समय पानी सड़क के अंदर नहीं जाता है. इसके लिए पहले चरण में नगर क्षेत्र की उन पांच सड़कों को चुना गया है. जिनकी चौड़ाई 10 मीटर या उससे अधिक है. सड़कों के किनारे हरियाली और फुटपाथ का इस्तेमाल स्टैंड के रूप में भी किया जाएगा. साथ में इस योजना पर भी काम शुरू हो गया है.
यह है एक नई तकनीक
अयोध्या नगर आयुक्त ने बताया कि यह एक नई तकनीक है. जैसा कि आपको पता है कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग चुका है. प्लास्टिक के कई सामान प्रतिबंधित है. इनका उपयोग करने के लिए जो हम लोगों को निर्देश प्राप्त हुआ है. हमने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और इंजीनियरिंग की जो संस्थाएं हैं सभी के साथ मिलकर इसकी स्टडी की गई है. इसमें पाया गया है कि हम लोग बिटमिन (तारकोल ) में 10% की सीमा तक हम इसमें प्लास्टिक मिला सकते हैं. हम कोशिश करेंगे कि अयोध्या में भी इसका प्रयोग हो. जो नगर निगम क्षेत्र में नई सड़क बनाई जानी है उसमें हम इसका उपयोग करेंगे.
पांच सड़कों पर होगा प्रयोग
इस प्रयोग से सड़कों की गुणवत्ता बेहतर होगी और जो पानी की वजह से नुकसान होता है वह भी कम होगा. सड़कें क्षतिग्रस्त कम होगी तो फिर अयोध्या में भी इसका प्रयोग किया जाएगा. हम लोग तय कर रहे हैं कि इसको किस तरह से आगे बढ़ाएं. जो पांच सड़के अभी स्वीकृत हैं उसमें हम इसका प्रयोग करेंगे. यह सड़के स्मार्ट सड़के होगीं. इन सड़कों में फुटपाथ स्टैंड और ग्रीन साइड भी होगी.
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