Ram Mandir Inauguration: राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे... ये नारा है 22 साल के एक लड़के ने दिया जो अयोध्या से करीब एक हजार किलोमीटर दूर हो रहे एक कार्यक्रम में मौजूद था.
1 फरवरी, 1986 को फैजाबाद के जिला जज केएम पांडेय के जारी आदेश पर बाबरी मस्जिद-जन्म स्थान पर लगा लगभग 37 साल पुराना ताला खोला गया.
तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने यह फैसला किया था ताकि उनकी राजनीतिक जमीन को मजबूती मिल सके लेकिन ताला खुलने से मुस्लिम पक्ष नाराज हो गया.
नाराजगी जाहिर करने व बाबरी मस्जिद पर अपना अधिकार जमाने के लिए 1986 में बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमिटी को गठन हुआ.
वहीं कोर्ट के आदेश पर जब ताला खोल दिया गया तो वहां राम लला की पूजा भी ती जाने लगी. विश्व हिंदू परिषद की ओर से इस दौरान राम जन्म भूमि के लिए आंदोलन किया जा रहा था.
उसी साल यानी कि साल 1986 में बजरंग दल का शिविर उज्जैन में लगा था जहां एम कॉम की पढ़ाई करने वाला एक 22 साल का लड़का भी मौदूज था जिनका नाम सत्यनारायण मौर्य था.
शिविर में शाम को जब सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए तो उसी दौरान सत्यनारायण मौर्य ने एक नारा उछाल दिया- 'राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे'.
इस नारे के सामने आते ही भीड़ इस नारे का उद्घोष करने लगी और देखते ही देखते यह नारा राम जन्म भूमि आंदोलन का जैसे मुख्य नारा बन गया. इस नारे पर वैसे राजनीति खूब हुई.
वहीं, विपक्षी पार्टियों ने निशाना साधते हुए इस नारे को लेकर पैरोडी भी बनाई और नारा इस तरह कहा- राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे...
दरअसल, 1986 में आए इस नारे के बाद पालमपुर में साल 1989 में हुए अधिवेशन में राम मंदिर को अपने चुनावी
घोषणापत्र में बीजेपी ने शामिल तो किया लेकिन 1989 से 2019 के बीच कुल 9 लोकसभा चुनाव हो चुके थे. स्थितियां बदल चुकी हैं
हालांकि, अब स्थितियां बदल चुकी हैं क्योंकि फैसला सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को सुनाया और फिर 5 अगस्त 2020 को मंदिर का शिलान्यास हुआ. अब 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की भी तारीख तय है.