अखलाक केस की जांच करने के चलते हुई भाई की हत्या: शहीद इंस्पेक्टर की बहन
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अखलाक केस की जांच करने के चलते हुई भाई की हत्या: शहीद इंस्पेक्टर की बहन

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की बहन ने कहा, 'मेरे भाई ने अखलाक मर्डर केस की जांच की है, इसलिए उसकी हत्या हुई है. यह पुलिस की साजिश है. मेरे भाई की मौत को शहीद घोषित किया जाए और स्मारक बनाया जाए. हमें पैसा नहीं चाहिए. मुख्यमंत्री हमेशा केवल गाय-गाय करते रहते हैं.'

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की बहन ने आशंका जताई है कि किस वजह से उनके भाई की हत्या हुई है.

नोएडा/बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हिंसक भीड़ के हाथों इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या मामले में उनकी बहन का बयान आया है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की बहन ने कहा, 'मेरे भाई ने अखलाक मर्डर केस की जांच की है, इसलिए उसकी हत्या हुई है. यह पुलिस की साजिश है. मेरे भाई की मौत को शहीद घोषित किया जाए और स्मारक बनाया जाए. हमें पैसा नहीं चाहिए. मुख्यमंत्री हमेशा केवल गाय-गाय करते रहते हैं.'

  1. बुलंदशहर में हिंसक भीड़ के हाथों इंस्पेक्टर की हत्या
  2. अखलाक हत्याकांड की जांच अधिकारी रह चुके थे इंस्पेक्टर
  3. इंस्पेक्टर ने भाई को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग की

अखलाक केस में जांच अधिकारी रहे सुबोध
मालूम हो कि साल 2015 में दादरी के बिसाहड़ा गांव में भीड़ ने अखलाक नामक शख्स की हत्या कर दी थी. इस केस की जांच इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ही कर रहे थे. एडीजी ने बताया कि सुबोध कुमार सिंह दादरी के अखलाक हत्याकांड में 28 सितंबर 2015 से 9 नवंब 2015 तक जांच अधिकारी थे. इस मामले में चार्जशीट दूसरे जांच अधिकारी ने मार्च 2016 मे दाखिल की थी. अखलाक हत्याकांड में सुबोध ने दूसरे दिन ही 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.

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कांग्रेस-सपा ने भी CM योगी को घेरा
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या मामले में विपक्षी दल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा, 'यह हैरान करने वाला मामला है कि अखलाक घटना की जांच करने वाले पुलिस अधिकारी की हत्या हुई थी. जनता को किसने अधिकार दिया है कि वह कानून को अपने हाथों में लें? अपना राज्य देखने के बजाय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तेलंगाना जा रहे हैं और जहर फैला रहे हैं.'

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वहीं समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर पेज से हुए ट्वीट में कहा गया है कि बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर की मौत, बेहद शर्मनाक और दु:खद. यूपी जल रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री जी और भारतीय जनता पार्टी फिलहाल देवी-देवताओं की जाति ढूंढने में व्यस्त हैं.

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27 लोगों के खिलाफ FIR
उधर, इस मामले में यूपी पुलिस ने बीती रात जनपद और आसपास के क्षेत्रों में छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है. सयाना पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है, जिसमें 27 नामज़द हैं और 60 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है. बताया जा रहा है कि इन 28 लोगों की पहचान की जा चुकी है. इनके अलावा और भी लोग हैं, जिनकी पहचान की जा रही है. पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की है, जिसमें एक प्राथमिकी गौकशी, जबकि दूसरी हिंसक विरोध प्रदर्शन के मामले में दर्ज की गई है. 

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पुलिस ने गोकशी के मामले में नयाबांस गांव निवासी योगेशराज की तहरीर पर गांव के सात लोगों के खिलाफ गोवध अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

वहीं, इंस्‍पेक्‍टर सुबोध की पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं. पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि कोतवाल की गोली लगने से मौत होने की हुई पुष्टि है. बुलंदशहर के डीएम ने भी इस बात की पुष्टि की है कि कोतलाव के सिर में गोली लगी थी.

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