विवेक तिवारी तो हिंदू था? फिर उसको इन्होंने क्यों मारा : अरविंद केजरीवाल
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विवेक तिवारी तो हिंदू था? फिर उसको इन्होंने क्यों मारा : अरविंद केजरीवाल

सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया है, 'विवेक तिवारी तो हिंदू था? फिर उसको इन्होंने क्यों मारा? भाजपा के नेता पूरे देश में हिंदू लड़कियों का रेप करते घूमते हैं? अपनी आंखों से पर्दा हटाइए. भाजपा हिंदुओं की हितैषी नहीं है. सत्ता पाने के लिए अगर इन्हें सारे हिंदुओं का क़त्ल करना पड़े तो ये दो मिनट नहीं सोचेंगे.'

लखनऊ में पुलिस की गोली से विवेक तिवारी की मौत हो गई है.

नई दिल्ली/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कथित तौर से पुलिस की गोली से जान गंवाने वाले विवेक तिवारी मौत मामले को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजनीतिक मोड़ देने की कोशिश की है. सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया है, 'विवेक तिवारी तो हिंदू था? फिर उसको इन्होंने क्यों मारा? भाजपा के नेता पूरे देश में हिंदू लड़कियों का रेप करते घूमते हैं? अपनी आंखों से पर्दा हटाइए. भाजपा हिंदुओं की हितैषी नहीं है. सत्ता पाने के लिए अगर इन्हें सारे हिंदुओं का क़त्ल करना पड़े तो ये दो मिनट नहीं सोचेंगे.'

उधर, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ट्वीट कर यूपी पुलिस और योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं. अखिलेश ने ट्वीट में लिखा है, 'यूपी में पुलिस ने एक आम आदमी की हत्या कर के साबित कर दिया है कि भाजपा सरकार में ‘एनकाउंटर’ की हिंसात्मक संस्कृति कितनी विकृत हो गयी है. एक मल्टीनेशनल कम्पनी के एम्पलॉयी के मारे जाने से अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की निगाह में भी प्रदेश की छवि विकृत हुई है. निंदनीय. हार्दिक संवेदना!'

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अखिलेश ने अगले ट्वीट में लिखा है, 'यूपी सरकार को असंवेदनशील रवैया छोड़कर तत्काल मृतक की पत्नी के लिए सरकारी नौकरी व बच्चियों के भविष्य के लिए 5 करोड़ की आर्थिक मदद की लिखित घोषणा करनी चाहिए. परिवार की ज़िम्मेदारी क्या होती है, ये बात परिवारवाले ही जानते हैं. दुख की इस घड़ी में हम शोकाकुल परिवार के साथ खड़े हैं.'

विवेक तिवारी का हुआ अंतिम संस्‍कार
विवेक तिवारी का अंतिम संस्‍कार रविवार को कर दिया गया. उनकी अंतिम यात्रा उनके घर गंगा अपार्टमेंट से निकाली गई और बैकुंठ धाम में उनका अंतिम संस्‍कार सुबह करीब आठ बजे किया गया. इस दौरान यूपी सरकार के मंत्री बृजेश पाठक और आशुतोष टंडन ने बैकंठ धाम पहुंचकर विवेक के परिजनों से मुलाकात की.

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विपक्ष ने योगी से मांगा इस्तीफा
पीड़ित परिवार की मामले की सीबीआई जांच की मांग के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जरूरत पड़ी तो मामले की सीबीआई जांच भी करायी जाएगी. कांग्रेस और सपा ने इस घटना को प्रदेश की बदहाल कानून-व्यवस्था की निशानी बताते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है.

लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने सना खान नामक महिला द्वारा दर्ज करायी गयी रिपोर्ट के हवाले से बताया कि सना ने आरोप लगाया है कि शुक्रवार/शनिवार की रात करीब दो बजे वह अपने सहकर्मी विवेक तिवारी (38) के साथ कार से घर जा रही थीं. रास्ते में गोमतीनगर विस्तार इलाके में उनकी गाड़ी खड़ी थी, तभी सामने से दो पुलिसकर्मी आये तो तिवारी ने गाड़ी आगे बढ़ाने की कोशिश की . इस दौरान एक सिपाही कार की हल्की चपेट में आ गया .

सना के मुताबिक पुलिसकर्मियों ने कार को रोकने की कोशिश की और उनमें से एक ने गोली चलायी, जो तिवारी को लगी. इसके कारण बेकाबू हुई कार अंडरपास की दीवार से जा टकरायी . हादसे में गम्भीर रूप से घायल तिवारी को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां थोड़ी देर बाद उसकी मृत्यु हो गयी . तिवारी ‘एप्पल‘ कंपनी में वरिष्ठ अधिकारी थे.

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नैथानी के मुताबिक गोली मारने के आरोपी पुलिसकर्मी प्रशांत चौधरी और उसके साथी संदीप के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों को बर्खास्त भी कर दिया गया है.

वारदात में मारे गये तिवारी की पत्नी कल्पना ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है . साथ ही पुलिस विभाग में नौकरी देने और परिवार का भविष्य सुरक्षित करने के लिये एक करोड़ रुपये मुआवजे की भी मांग की है.

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इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में इस घटना के बारे में संवाददाताओं से कहा कि लखनऊ की घटना कोई मुठभेड़ की वारदात नहीं है . हम इसकी पूरी जांच कराएंगे. प्रथम दृष्ट्या दोषी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा . आवश्यकता पड़ेगी तो हम सीबीआई को भी इसकी जांच सौंपेंगे.

उधर, प्रदेश सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह ने वाराणसी में इस घटना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि योगी सरकार के शासन में मुठभेड़ में कोई गलती नहीं हो रही है. गोली उसी को लगी है जो वास्तव में अपराधी है. जो सपा के सरकार में गुंडाराज था माफिया राज था, पुलिस उसी का ‘इंतजाम’ कर रही हैं. बाकी सब ठीकठाक है, अपराधी पर कोई समझौता नहीं है. 

इस सवाल पर कि क्या लखनऊ में पुलिस की गोली से मारा गया विवेक तिवारी भी अपराधी था, मंत्री ने इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया.

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