कांग्रेस पार्टी ने सुधारी अपनी 'गलती', 'महागठबंधन' की खातिर इन सीटों पर नहीं लड़ेगी चुनाव
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कांग्रेस पार्टी ने सुधारी अपनी 'गलती', 'महागठबंधन' की खातिर इन सीटों पर नहीं लड़ेगी चुनाव

कांग्रेस पार्टी में तय हो गया है कि कांग्रेस के सिंबल पर इन दोनों ही सीटों पर कोई उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ेगा

कांग्रेस यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि वह धर्मनिरपेक्ष मोर्चे के रास्ते में रोड़ा नहीं बनेगी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली(शादाब सिद्दीकी): कांग्रेस पार्टी ने यूपी में बड़ा फैसला करते हुए कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी, RLD गठबंधन को अपना समर्थन देने का फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी में तय हो गया है कि पार्टी सिंबल पर इन दोनों ही सीटों पर कोई उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ेगा बल्कि पार्टी यहां समाजवादी और आरएलडी उम्मीदवार को अपना समर्थन देगी. गौरतलब है कि कैराना लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी आरएलडी से तबस्सुम हसन संयुक्त उम्मीदवार हैं. आपको बता दें कि तबस्सुम हसन कैराना लोकसभा सीट से 2009 में लोकसभा चुनाव जीती थीं लेकिन वह 2014 के लोकसभा चुनाव में हार गई थीं. हालांकि इस बार बार चौधरी अजीत सिंह की RLD के सिंबल पर अपना चुनाव लड़ रही हैं.

  1. कैराना और नूरपुर में होने वाले उपचुनावों को लेकर कांग्रेस ने लिया बड़ा फैसला
  2. समाजवादी पार्टी और आरएलडी के बीच हुए गठबंधन का समर्थन करेगी कांग्रेस
  3. कांग्रेस के सिंबल पर इन दोनों ही सीटों पर कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ेगा

कैराना की लोकसभा सीट पर छिड़ी है सियासी जंग
बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव ने ही उनका नाम अजीत सिंह को सुझाया था और अखिलेश यादव और जयंत सिंह की मीटिंग में तबस्सुम हसन को उम्मीदवार बना दिया गया था. वहीं बीजेपी से कैराना लोकसभा सीट के लिए हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह उम्मीदवार हैं. दरअसल हुकुम सिंह का पिछले दिनों लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. उनके निधन के बाद से कैराना सीट खाली हो गई थी.

नूरपुर में बीजेपी खेल रही है इमोशनल कार्ड
वहीं दूसरी ओर नूरपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने नईमुल हसन को अपना उम्मीदवार बनाया है. नईमुल हसन को कांग्रेस पार्टी ने भी अपना समर्थन दे दिया है. यह सीट बीजेपी विधायक लोकेंद्र सिंह के निधन के बाद खाली हुई थी. यहां से BJP ने विधायक की पत्नी को उम्मीदवार बनाया है. BJP यहां इमोशनल कार्ड खेल रही है.

कांग्रेस ने की थी यह बड़ी गलती
इस तरह से कांग्रेस पार्टी ने कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी-आरएलडी को अपना समर्थन देकर उस गलती से बचने की कोशिश की है जो उसने गोरखपुर लोकसभा और फूलपुर लोकसभा का चुनाव लड़कर की थी. सूत्रों की मानें तो सपा में कई वरिष्ठ नेताओं को कांग्रेस का ये कदम नहीं ठीक लगा था, उन्होंने अखिलेश से इस बात की शिकायत भी की थी.

ये है अब कांग्रेस का अगला प्लान
आपको याद दिला दें कि पिछले दिनों हुए गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी की जमानत भी नहीं बची थी. सपा-बसपा गठबंधन के खिलाफ चुनाव में अपने प्रत्याशी को लड़ाने पर कांग्रेस की काफी किरकिरी हुई थी. इस बार कांग्रेस ने सावधानी से कदम उठाया है ताकि बीजेपी के खिलाफ एक व्यापक धर्मनिरपेक्ष मोर्चा तैयार किया जा सके. कांग्रेस यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि वह धर्मनिरपेक्ष मोर्चे के रास्ते में रोड़ा नहीं बनेगी.

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